नई दिल्ली. छह महीने से ज्यादा समय हो गया है लेकिन रूस और यूक्रेन का युद्ध अब भी जारी है. रूस अब यूक्रेन के कब्ज़े वाले चार इलाकों को अपने देश में शामिल करने के लिए उतावला है. इसी कड़ी में अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों को दरकिनार कर यूक्रेन के […]
नई दिल्ली. छह महीने से ज्यादा समय हो गया है लेकिन रूस और यूक्रेन का युद्ध अब भी जारी है. रूस अब यूक्रेन के कब्ज़े वाले चार इलाकों को अपने देश में शामिल करने के लिए उतावला है. इसी कड़ी में अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों को दरकिनार कर यूक्रेन के कब्जे वाले चार इलाकों को अपने देश में शामिल करने के आधिकारिक दस्तावेद पर दसखतक भी कर दिए हैं. क्रेमलिन में आयोजित कार्यक्रम में रूसी शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन के लोग अब से रूसी नागरिक हो गए हैं और अब अगर इन पर हमला हुआ तो उसे रूस पर हमला माना जाएगा. रूस अपने नागरिकों और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत के साथ जवाबी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.
इतना ही नहीं, पुतिन ने ये भी कहा कि यूक्रेन को कीव से सैन्य कार्रवाई को ‘तुरंत’ बंद कर देनी चाहिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन को बातचीत के लिए आग्रह किया लेकिन यूक्रेन बातचीत के लिए राज़ी नहीं है. हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि रूस अपने साथ मिलाए गए नए क्षेत्रों से अपना कब्जा नहीं छोड़ने वाला है, उन्होंने पश्चिम देशों पर जर्मनी में रूसी गैस पाइपलाइनों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि पश्चिमी देश रूस को ‘कॉलोनी’ बनाना चाहते हैं, वो जान लें कि रूस कमजोर नहीं है, वो इस बात को मानना नहीं चाह रहे हैं कि रूस कितना महान देश है.
बता दें कि यूक्रेनी क्षेत्र में रूसी हमलों के बाद ज़ापोरिज्जिया में कम से कम 25 लोग मारे गए हैं जबकि 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं, जिसके बाद शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस को एक ‘आतंकवादी देश’ करार करते हुए पुतिन को खून का प्यासा बताया है. दक्षिणी ज़ापोरिज्जिया में रूसी गोलाबारी के बाद ज़ेलेंस्की ने कहा, “सिर्फ कोई आतंकवादी ही ऐसा कर सकता है. खून के प्यासे!” इसके साथ ही यूक्रेन ने नाटो देशों की सूची में शामिल होने की अपनी कोशिशों को पहले से और तेज़ कर दिया है.
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