नई दिल्ली. नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि की धूम देश भर में देखने को मिलती है, नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा भी मनाया जाता है, और नवरात्रि के बाद मनाया जाता है दशहरा. दशहरा को विजयदशमी, आयुधपूजा के नाम से भी देश भर में जाना जाता है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक, दशहरा का […]
नई दिल्ली. नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि की धूम देश भर में देखने को मिलती है, नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा भी मनाया जाता है, और नवरात्रि के बाद मनाया जाता है दशहरा. दशहरा को विजयदशमी, आयुधपूजा के नाम से भी देश भर में जाना जाता है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक, दशहरा का यह पावन पर्व हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, दशहरा का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, इसलिए हर साल इस दिन रावण दहन किया जाता है. इस साल दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी मंगलवार, 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी बुधवार, 05, अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी वहीं उदयातिथि की मानें तो, दशहरा 05 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा. इस दौरान श्रवण नक्षत्र 4 अक्टूबर को रात 10 बजकर 51 मिनट से लेकर 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा, यानी आप 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट तक रावण दहन कर सकते हैं.
आज भी रावण का दहन किया जाता है क्योंकि रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है और हर साल रावण दहन कर हम बुराई का नाश करते हैं. देश के कई हिस्सों में रावण दहन किया जाता है. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में रावण दहन की धूम देखने को मिलती है. हिंदू मान्यता के मुताबिक, दशहरा के दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध करके माता सीता को लंका से बचाया था. दस सिरों वाले रावण के अंत की वजह से ही इसे कहीं दशहरा तो कहीं विजयदशमी कहा जाता है.
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