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पलट रहे गहलोत गुट के विधायक, मझधार में न फंस जाए गहलोत की नैया !

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में इस समय सियासी घमासान मचा हुआ है, देर रात तक प्रदेश में ड्रामा चला है. पर्यवेक्षस्क अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे अब दिल्ली वापस लौट रहे हैं. मौजूदा स्थिति को देखकर तो यही लगता है कि गहलोत की बगावत के बाद आलाकमान उनसे खफा है, ऐसे में उनका अध्यक्ष बनना थोड़ा […]

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पलट रहे गहलोत गुट के विधायक, मझधार में न फंस जाए गहलोत की नैया !
  • September 26, 2022 3:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में इस समय सियासी घमासान मचा हुआ है, देर रात तक प्रदेश में ड्रामा चला है. पर्यवेक्षस्क अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे अब दिल्ली वापस लौट रहे हैं. मौजूदा स्थिति को देखकर तो यही लगता है कि गहलोत की बगावत के बाद आलाकमान उनसे खफा है, ऐसे में उनका अध्यक्ष बनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. वहीं, अब गहलोत गुट के विधायक भी पलटी मार रहे हैं, उनका कहना है कि वो पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार हैं.

गहलोत गुट की विधायक इंदिरा मीणा ने सोमवार को कहा कि हमें सचिन पायलट से कोई दिक्कत नहीं है और हम पार्टी आलाकमान के हर फैसले पर उनके साथ हैं, हाईकमान कहेगा तो हम अपना इस्तीफा वापस भी ले लेंगे.

“एक कागज पर साइन करवाए थे”

सवाई माधोपुर जिले की बामनवास विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि बीते दिन उनके पास महेश जोशी का कॉल आया था और उन्होंने उनसे कहा था कि सीएम आवास पर बैठक है, इसके बाद जब वो निकली तो दोबारा फोन आया कि धारीवाल के घर आना है. इस दौरान वो रास्ते में ही थी कि फिर फोन आता है कि सीपी जोशी के घर आना है, जब वो सीपी जोशी के आवास पर पहुंची तो वहां पहले से सारे विधायक मौजूद थे. सीपी जोशी के आवास पर सभी विधायकों से एक कागज पर साइन करवाया जा रहा था. उनका कहना है कि सीपी जोशी के घर पर किसी विधायक ने कुछ नहीं कहा और न ही पायलट को लेकर कुछ बात हुई, उनसे बस साइन करने को कहा गया.

इंदिरा मीणा का कहना है कि उन्हें सचिन पायलट से कोई दिक्कत नहीं है और वो आलाकमान के कहने पर अपना इस्तीफ़ा भी वापस ले लेंगी. रिपोर्ट्स की मानें तो सिर्फ इंदिरा मीणा ही नहीं बल्कि कुछ अन्य विधायकों का भी यही कहना है कि उन्हें पायलट से कोई दिक्कत नहीं है और वो अपना इस्तीफ़ा वापस ले लेंगे. अब विधायकों के इस कदम के बाद अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद की राहें मुश्किल हो सकती हैं, कहा जा रहा है कि विधायकों के बगावत से आलाकमान अशोक गहलोत से थोड़ा नाराज़ है, अब ऐसे में वो अध्यक्ष बन पाते हैं या नहीं ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा.

 

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