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स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी का हुआ ऐलान, इन दो शिष्यों को मिली कमान

भोपाल. मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में बीते रविवार को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन हो गया था, अब उनके निधन के 24 घंटे बाद उत्तराधिकारी की घोषणा की गई है. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के दो शिष्यों को अलग-अलग मठों की जिम्मेदारी दी गई है, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद […]

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स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी का हुआ ऐलान, इन दो शिष्यों को मिली कमान
  • September 12, 2022 5:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

भोपाल. मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में बीते रविवार को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन हो गया था, अब उनके निधन के 24 घंटे बाद उत्तराधिकारी की घोषणा की गई है. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के दो शिष्यों को अलग-अलग मठों की जिम्मेदारी दी गई है, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख बनाया गया है, इसकी घोषणा स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर के सामने उनके निज सचिव सुबोद्धानंद महाराज ने की, उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अब से ये दोनों ही पीठों का ज़िम्मा संभालेंगे.

बता दें, क्रांतिकारी साधु के रूप में मशहूर द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले स्थित उनके आश्रम झोतेश्वर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था, निधन के समय उनकी उम्र 99 साल थी. वह धार्मिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर अमूमन बयान दिया करते थे और शिरडी के साई बाबा को भगवान कहे जाने पर आपत्ति दर्ज करते थे. वह गुजरात स्थित द्वारका-शारदा पीठ एवं उत्तराखंड स्थित ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य थे और पिछले एक साल से ज्यादा समय से बीमार चल रहे थे.

वह स्वतंत्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले तथा राम जन्मभूमि के लिए लंबा संघर्ष करने वाले, गौरक्षा आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही एवं रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष थे और पाखंडवाद के सबसे बड़े विरोधी भी थे. वह डायलिसिस पर थे और पिछले कुछ महीनों से आश्रम में अक्सर वेंटिलेटर पर रखे जाते थे, जहां उनके इलाज के लिए एक विशेष सुविधाएं की गई थी. इसके अलावा, वह मधुमेह से पीड़ित थे और वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं से भी जूझ रहे थे, बीते एक साल से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था.

सिवनी जिले में हुआ था जन्म

उनके शिष्य दण्डी स्वामी सदानंद ने कहा कि ज्योतिष एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में हुआ था और उनके बचपन का नाम पोथीराम उपाध्याय था. उन्होंने बताया कि शंकराचार्य ने नौ साल की उम्र में ही घर का त्याग कर दिया था.

 

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