कर्तव्य पथ: देश की इस सबसे खास सड़क के बारे में सब कुछ जानिए….

कर्तव्य पथ: नई दिल्ली। देश की सबसे खास सड़कों में से एक राजपथ का नाम बदलकर अब कर्तव्य पथ कर दिया गया है। राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक की इस सड़क का पुनर्निर्माण केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजाना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। साल 2019 में मोदी सरकार ने […]

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कर्तव्य पथ: देश की इस सबसे खास सड़क के बारे में सब कुछ जानिए….

Vaibhav Mishra

  • September 8, 2022 5:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कर्तव्य पथ:

नई दिल्ली। देश की सबसे खास सड़कों में से एक राजपथ का नाम बदलकर अब कर्तव्य पथ कर दिया गया है। राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक की इस सड़क का पुनर्निर्माण केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजाना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। साल 2019 में मोदी सरकार ने इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। जिसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की आधारशिला रखी थी। इस परियोजना के तहत नया संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और अन्य कई सचिवालय का निर्माण किया जाना है।

क्या-क्या बदलाव हुआ?

करीब 3 किलोमीटर लंबे कर्तव्य पथ पर अब पहले की तुलना में ज्यादा हरियाली है। पर्यटकों को अब ज्यादा सुविधाएं भी मिलेंगी। इंडिया गेट के आस-पास का नजारा भी बदल गया है। आधुनिक सुवाधाओं के साथ कर्तव्य पथ करीब 19 महीने के बाद दोबारा पर्यटकों के लिए खुल रहा है। अब इंडिया गेट लोगों के सामने नए अवतार में होगा।

पहले दो महीने फ्री पार्किंग

सेंट्रल विस्टा लॉन के शुरूआती दो महीने पर्यटको से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके बाद एनडीएमसी तय करेगी कि कितना चार्ज लिया जाएगा। माना जा रहा है कि कायाकल्प बदलने के बाद ज्यादा संख्या में लोग लॉन को देखने आएंगे। इसीलिए यहां सुविधाओं को भी उच्च स्तर का रखा गया है।

लोगों को मिलेंगी ये सुविधाएं

कर्तव्य पथ को 9 सितंबर को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। नए अवतार में लोगों के सामने आए इस पथ पर ढेर सारी सुविधाएं मिलने वाली हैं। जिसमें 1125 कारों की पार्किंग सुविधा, शॉपिंग करने वाले लोगों के लिए 5 वेंडिंग जोन भी होंगे। कर्तव्य पथ करीब तीन किलोमीटर लंबा है। इस पर 4,087 पेड़ और 114 आधुनिक इंडिकेटर हैं। पथ पर 900 से अधिक लाइट्स लगे हुए हैं। इसके साथ ही 8 सुविधा खंड बनाए गए हैं। 4 पैदल यात्री अंडरपास बने हैं। पथ पर 422 बेंच हैं जो लाल ग्रेनाइट से बनीं हैं।

इतिहास का गवाह रहा है

बता दें कि कर्तव्य पथ को आम आदमी की सड़क माना जाता है। इस जगह पर कई आंदोलनों ने जन्म लिया है। साल 1988 में यहां पर किसानों का एक विशाल विरोध-प्रदर्शन हुआ था। इसके बाद 2012 में निर्भया की मौत के बाद बड़ा प्रदर्शन यहीं हुआ था। साल 2019 में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का गवाब भी ऐतिहासिक ये पथ रहा है। इसके अलावा हर साल 26 जनवरी को देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता का नजारा भी इसी कर्तव्य पथ पर देखने को मिलता है।

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