नई दिल्ली : चाणक्य के नीतिशास्त्र में जीवन की कई समस्याओं का और उनके कारणों का भी उल्लेख है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान के बुरे दिन जब आने वाले होते हैं तो उसका घर भी उसे कुछ ख़ास संकेत देता है. आर्थिक स्थिति और दांपत्य जीवन दोनों के लिए यह समय खराब साबित हो […]
नई दिल्ली : चाणक्य के नीतिशास्त्र में जीवन की कई समस्याओं का और उनके कारणों का भी उल्लेख है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान के बुरे दिन जब आने वाले होते हैं तो उसका घर भी उसे कुछ ख़ास संकेत देता है. आर्थिक स्थिति और दांपत्य जीवन दोनों के लिए यह समय खराब साबित हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि इन संकेतों को पहले ही पहचान लिया जाए.
हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत महत्त्व दिया गया है. चाणक्य के नीति शास्त्र में भी यदि आपके घर का या आंगन का तुलसी का पौधा सूखने लगता है तो इसका मतलब है कि जरूर कुछ अपशकुन होने वाला है. इसकी सूखती पत्तियां घर में आने वाली आर्थिक तंगी का संकेत भी देती हैं. हालांकि ऐसी स्थिति में डरना नहीं चाहिए और सावधान हो जाना चाहिए.
शीशे का टूटना कभी भी शुभ या अच्छा नहीं माना जाता है. अगर आपके घर का शीशा भी बार-बार या कांच के बर्तन अकसर टूट जाते हैं तो यह एक अशुभ संकेत होता है. घर में अगर शीशा का टूटता है या चटकता है तो यह किसी बड़ी समस्या के आने का इशारा माना जाता है. यदि घर में कांच के टूटे हुए या चटके हुए बर्तन भी हैं तो इसका अर्थ है कि आपको अपनी कोई गलती सुधारने की जरूरत है.
अगर आपके भी घर में दीवारों पर हमेशा सीलन रहती है तो ये भी खराब संकेत हो सकता है. अगर आपके रंग-पेंट कराने के बाद भी दीवार सील जाती है तो मान लेना चाहिए की कुछ तो गड़बड़ है. दीवारों की सीलन या घर में जालों को अशुभ माना गया है इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर किसी घर में दिन-रात झगड़े होते हैं और तनाव बना रहता है तो समझ लीजिए घर बर्बादी की कगार पर है. ऐसे घर में कभी लक्ष्मी-कुबेर नहीं आते हैं और आर्थिक तंगी के चलते लोग हमेशा परेशान ही रहते हैं.
जिस घर में लोग ईश्वर की उपासना या पूजा-पाठ नहीं करते हैं और उससे बचते हैं उस घर में भी कभी खुशहाली-समृद्धि दस्तक नहीं देती हैं. नीति शास्त्र के अनुसार, हमें प्रतिदिन सूर्यास्त से पहले और सूर्यास्त के बाद ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए.