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तिरुपति मंदिर पर 45 लाख का जुर्माना, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

तिरुपति मंदिर: चेन्नई। तमिलनाडु के तिरुमाला के तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में एक बेहद रोचक घटना सामने आया है जहां कोर्ट ने मंदिर को 14 साल तक एक व्यक्ति को बुकिंग नहीं देने पर 45 लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा है। बता दें कि तिरुपति देवस्थानम में दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल […]

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Tirupati Temple
  • September 5, 2022 11:22 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

तिरुपति मंदिर:

चेन्नई। तमिलनाडु के तिरुमाला के तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में एक बेहद रोचक घटना सामने आया है जहां कोर्ट ने मंदिर को 14 साल तक एक व्यक्ति को बुकिंग नहीं देने पर 45 लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा है।

बता दें कि तिरुपति देवस्थानम में दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल तिरुमाला आते हैं। टीटीडी में महीनों पहले दर्शन के लिए बुकिंग कराते हैं। ऐसे में किसी श्रद्धालु को अगर 14 साल तक टीटीडी बुकिंग नहीं मिलती है तो वह टीटीडी के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में परेशानी दर्ज करा सकते है। इस परेशानी की सुनवाई के बाद उपभोक्ता अदालत ने टीटीडी को आदेश दिया है कि तीर्थयात्री को दर्शन के लिए बुकिंग की नई तारीख दी जाए या फिर 45 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएं।

जानिए, क्या है पूरा मामला?

टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, केआर हरि भास्कर नाम के एक व्यक्ति ने वर्ष 2006 में 12,250 रुपये में वस्त्रलंकार सेवा बुक की थी। इसके बाद मंदिर ने उन्हें साल 2020 में स्लॉट बुकिंग दी और कोरोना महामारी के चलते 80 दिनों तक मंदिर बंद रहा। वापिस खुलने के बाद वस्त्रलंकार सेवा पर रोक लगी थी।

वस्त्रलंकार सेवा के लिए थी बुकिंग

ऐसे में टीटीडी ने भास्कर की बुकिंग रद्द कर दी और उन्हें वीआईपी ब्रेक दर्शन या रिफंड का विकल्प दिया। फिर भी भास्कर ने वस्त्रलंकार सेवा करने की मांग की जिसे लेकर मंदिर प्रशासन तैयार नहीं था। भास्कर ने धनवापसी की मांग की। ऐसे में केआर हरि भास्कर इस मामले को लेकर तमिलनाडु के सलेम स्थित कंज्यूमर कोर्ट पहुंचे.

उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज

भास्कर ने सलेम की कंज्यूमर कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद कोर्ट में पूरे मामले की सुनवाई के बाद तय हुआ कि या तो टीटीडी को 2006 से हर साल 6 फीसदी ब्याज दर पर मंदिर संगठन से 12,250 रुपये की राशि भास्कर को लौटानी चाहिए। इसके साथ ही सही समय पर दर्शन न करने पर 45 लाख रुपये का जुर्माना अदा करें या वस्त्रलंकार सेवा के लिए नई तिथि निर्धारित की जाए।

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