Advertisement

5 सितंबर: क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस, जानिए इतिहास

नई दिल्ली: कहते हैं कि दान से बड़ा कोई धर्म नहीं, जब आप दूसरों को खुशी देते हैं तो उसके बदले में आपको भी खुशी मिलती है। इसी दान के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में 5 सितंबर को इंटरनेशनल चैरिटी डे दिवस मनाया जाता है। बता दें कि 5 […]

Advertisement
5 सितंबर: क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस, जानिए इतिहास
  • September 5, 2022 1:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: कहते हैं कि दान से बड़ा कोई धर्म नहीं, जब आप दूसरों को खुशी देते हैं तो उसके बदले में आपको भी खुशी मिलती है। इसी दान के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में 5 सितंबर को इंटरनेशनल चैरिटी डे दिवस मनाया जाता है। बता दें कि 5 सितंबर को मदर टेरेसा की पुण्यतिथि होती है। उन्होंने समाज से गरीबी दूर करने के अलावा जरूरतमंदों की मदद करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया था। उन्ही की याद में यह दिवस हर साल मनाया जाता है।

कैसे हुई थी शुरुआत

भारत में युगों-युगों से दान की अटूट सिलसिला रही है लेकिन इसके लिए कोई खास दिन नहीं दिया गया था। वर्ष 2012 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इंटरनेशनल चैरिटी डे की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई, जिसका समर्थन सभी देशों ने मिलकर किया।

अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस से क्या है लाभ

यह दान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर होने वाले चैरिटी कार्यक्रमों के लिए एक शानदार रंगमंच है। यह बताता है कि लोगों को अपनी भागदौड़ भड़ी जिंदगी से थोड़ा समय निकालकर जरूरतमंद लोगों की सहायता करनी चाहिए, ताकि उनका जीवन स्तर भी अच्छी हो जाए।

कैसे मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस

इस दिन संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य राष्ट्रों, विभिन्न संगठनों और दुनियाभर के लोगों अपील करता है कि दान में अपना योगदान देकर इंटरनेशनल चैरिटी दिवस बनने के मकसद को सफल करें। इस दिन चैरिटी के महत्व और लोगों को दान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

कौन थीं मदर टेरेसा

मदर टेरसा एक रोमन कैथोलिक नन थीं जो वर्ष 1948 में स्वेच्छा से भारत की नागरिकता ली थी। उन्होंने साल1950 में कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की और गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की उन्होंने मदद की। कुछ ही दिनों के बाद रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाजा गया। उन्हें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार और भारत रत्न दिया गया था। 5 सितंबर 1997 को दिल का दौरा पड़ने से मदर टेरेसा की निधन हो गई।

बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना

Advertisement