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INS Vikrant: नेवी को मिला आईएनएस विक्रांत, जानिए पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर की खूबी और खासियत?

INS Vikrant: नई दिल्ली। देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत भारतीय नेवी के जंगी बेड़े में शामिल हो गया। प्रधानमंत्री मोदी केरल के कोच्चि में आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग के समय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस सैन्य समारोह में नौसेना के नए निशान को भी जारी किया। […]

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INS Vikrant: नेवी को मिला आईएनएस विक्रांत, जानिए पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर की खूबी और खासियत?
  • September 2, 2022 9:41 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

INS Vikrant:

नई दिल्ली। देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत भारतीय नेवी के जंगी बेड़े में शामिल हो गया। प्रधानमंत्री मोदी केरल के कोच्चि में आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग के समय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस सैन्य समारोह में नौसेना के नए निशान को भी जारी किया।

छह देशों में होगा शामिल

आईएनएस विक्रांत के निर्माण के साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा छह देशों में शामिल हो गया है। जिसके पास 40 हजार टन का एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता है। अभी सिर्फ पांच देशों के पास ये क्षमता थी। जिसमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और इंग्लैंड शामिल हैं। भारतीय नौसेना के मुताबिक आईएनएस विक्रांत के भारत के जंगी बेड़े में शामिल होने के बाद देश को इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने में मदद मिलेगी।

तैनात होंगे 30 एयरक्राफ्ट

विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर कुल 30 एयरक्राफ्ट तैनात होंगे। जिसमें 20 लड़ाकू विमान और 10 हेलीकॉप्टर होंगे। फिलहाल अभी विक्रांत पर मिग-29 के ब्लैक पैंथर फाइटर जेट तैनात होंगे। उसके बाद डीआरडीओ और एचएएल द्वारा तैयार किया जा रहा टीईडीबीएफ को विक्रांत पर तैनात किया जाएगा।

13 साल में हुआ तैयार

स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत में करीब ढाई हजार किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रिक केबिल लगी हुई है। इसके साथ ही विक्रांत में 150 किलोमीटर लंबे पाइप और 2000 वाल्व लगे हैं। इसे बनाने में पिछले 13 सालों से करीब 2000 इंजीनियर, वर्कर्स और टेक्निशियन्स की टीम दिन-रात जुटी थी।

देश का पहला स्वदेशी पोत

बता दें कि आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वेदेशी विमान वाहक पोत है। इसमें लगे कम्युनिकेशन सिस्टम, नेटवर्क सिस्टम, शिप डाटा नेटवर्क, गन्स, कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम इत्यादी सभी चीजे पूरी तरह से स्वदेशी है।

20 हजार करोड़ में तैयार

गौरतलब है कि विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को तैयार करने में लगभग 20 हजार करोड़ का खर्च आया है। इस एयक्राफ्ट कैरियर के भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल होने के बाद देश के पास दो विमान वाहक पोत हो जाएंगे। इससे पहले साल 2013 में भारत ने रूस से आईएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर खरीदा था। जो पहले रूसी नौसेना का हिस्सा था।

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