नई दिल्ली, हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व पड़ता है. शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज को सबसे बड़ी तीज माना जाता है, वैसे हरतालिका तीज से पहले हरियाली और कजरी तीज भी मनाई जाती है. हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की […]
नई दिल्ली, हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व पड़ता है. शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज को सबसे बड़ी तीज माना जाता है, वैसे हरतालिका तीज से पहले हरियाली और कजरी तीज भी मनाई जाती है. हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है और सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.
मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है, ऐसे में इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर पति की लंबी आयु के लिए उपवास रखती हैं. हरतालिका तीज व्रत को सुहागिनों के अलावा कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से कुंवारी कन्याओं को भगवान शिव जैसी वर की प्राप्ति होती है.
हरतालिका तीज व्रत इस साल 30 अगस्त 2022 को रखा जाएगा, इस दिन सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहने वाला है. जबकि शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल रहने वाला है.
हरतालिका तीज की पूजा में कुछ खास चीजों का होना बहुत ही आवश्यक माना जाता है. इस दिन व्रत और पूजा के लिए सूखा नारियल, शमी का पत्ता, केले का पत्ता, धतूरे का फल, मंजरी, कलश, बेलपत्र, कलावा, इत्र, पांच फल, अक्षत, घी, शहद, गुलाल, चंदन, रोली, सुपारी, धूप, दीप, कपूर, गंगाजल, दूर्वा और जनेऊ आदि का इंतजाम पहले से रखें, कहा जाता है कि हरतालिका तीज की पूजा इन चीजों के बगैर अधूरी है.
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