जानें भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का कितने दिन का होगा कार्यकाल

  नई दिल्ली। भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में आज यानी 27 अगस्त को जस्टिस उदय उमेश ललित शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें राष्ट्रपति भवन में मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाएंगी। बता दें कि सीजेआई एनवी रमना बीते दिन यानि 26 अगस्त को सेवानिर्वत्त हो चुके हैं। आईए अपको अब […]

Advertisement
जानें भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का कितने दिन का होगा कार्यकाल

Mohmmed Suhail Mewati

  • August 27, 2022 10:37 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

 

नई दिल्ली। भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में आज यानी 27 अगस्त को जस्टिस उदय उमेश ललित शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें राष्ट्रपति भवन में मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाएंगी। बता दें कि सीजेआई एनवी रमना बीते दिन यानि 26 अगस्त को सेवानिर्वत्त हो चुके हैं। आईए अपको अब हम बतातें है कि नए मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल कितने दिन के लिए होगा।

यूयू ललित कितने दिन के लिए बनेंगे सीजेआई

बता दें कि उदय उमेश ललित आज यानी 27 अगस्त को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में बनने जा रहे है। गौरतलब है कि नए मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का कार्यकाल तीन महीने से भी कम समय का होगा। वो आठ नवंबर 2022 को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे।

नए सीजेआई के बारे में जानिए…

भारत के नए मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र राज्य के सोलापुर में हुआ था। वो जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए थे। इसके बाद साल 1986 में वो दिल्ली आ गए। इससे पहले दिसबंर 1985 तक उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की थी।

वकील से सीधे बने सुप्रीम कोर्ट के जज

बता दें कि, बेहद सौम्य स्वाभाव वाले जस्टिस उदय उमेश ललित भारत के इतिहास में दूसरे ऐसे मुख्य न्यायाधीश हैं। जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाई कोर्ट में जज नहीं रहे हैं। वो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज के पद पर पहुंचे हैं। उनसे पहले साल 1971 में देश के 13वें मुख्य नायाधीश एस एम सीकरी के नाम ये उपलब्धि दर्ज हो चुकी है।

यूयू ललित क्राइम लॉ में हैं एक्सपर्ट

भारत के नए प्रधान न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस यूयू ललित क्रिमिनल लॉ में एक्सपर्ट हैं। वो 2जी मामलों में सीबाई के विशेष लोक अभियोजक के रूप में भी काम कर चुके हैं। जस्टिस ललित लगातार दो कार्यकाल तक सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य रह चुके हैं।

अयोध्या मामले से खुद को अलग किया

न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने 10 जनवरी 2019 को खुद को अयोध्या-बाबरी मामले से अलग कर लिया था। 5 जजों की बेंच से उनके हटने की खबर ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थी। जस्टिस ललित ने ऐसा करने के पीछे तर्क दिया था कि वो करीब 20 साल पहले अयोध्या विवाद से जुड़े एक अपराधिक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं।

बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना

Advertisement