विजयवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विजयवाड़ा के करीब आंध्र प्रदेश राज्य की नई राजधानी अमरावती का शिलान्यास किया. अमरावती करीब 1800 साल पहले सातवाहन राजाओं की राजधानी हुआ करती थी. इसे एक बार फिर राजधानी का दर्जा मिल गया है. प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा की और शिलान्यास से संबंधित अनुष्ठान किए.
अनुष्ठान में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया, असम व नागालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, अशोक गजपति राजू, निर्मला सीतारमण, वाई.एस. चौधरी और बंडारू दत्तात्रेय भी शामिल हुए.
शिलान्यास समारोह में जापान के स्टेट मिनिस्टर ऑफ इकोनोमी, ट्रेड एंड इंडस्ट्री (एमईटीआई) योसुके ताकगी और सिंगापुर के सेंकेड मिनिस्टर फॉर ट्रेड एंड इंडस्ट्री एस. इश्वरण ने भी शिरकत की. हजारों आम लोग शिलान्यास रखे जाने के साक्षी बनें.
प्रधानमंत्री मोदी विजयवाड़ा के गन्नवरम हवाई अड्डे से एक हेलीकॉप्टर में गुंटूर जिले के उद्दंडरायुनिपालेम गांव स्थित शिलान्यास स्थल पर पहुंचे. वह नई दिल्ली से एक विशेष विमान से आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा पहुंचे थे.
विजयवाड़ा स्थित गन्नवरम हवाईअड्डे पर नायडू और केंद्रीय मंत्रियों ने मोदी का स्वागत किया. शिलान्यास स्थल पर नायडू की पत्नी भुवनेश्वरी, बेटे एन. लोकेश और पुत्रवधू ब्राह्मणी ने उनका अभिवादन किया.
मोदी ने अमरावती के गौरवशाली राजवंश और नई राजधानी के विकास से संबंधित योजना से अवगत करने के लिए लगाई गई एक विशेष प्रदर्शनी अमरावती पवेलियन का दौरा भी किया.
कैसी होगी नई अमरावती?
एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने अमरावती को राजधानी बनाने के लिए 32,000 एकड़ जमीन ली है. सरकार के पास अब 50,000 एकड़ जमीन है. इसको बनाने के लिए कृष्णा नदी के किनारे विजयवाड़ा-गुंटुर रीजन में किसानों की जमीन ली गई है. ऐसा किसी राज्य में पहली बार हो रहा है कि राजधानी को जमीन जुटा कर बनाया जा रहा है. इसे लैंड-पूलिंग कॉन्सेप्ट कहा जाता है. अमरावती विजयवाड़ा और गुंटुर जैसे शहरों के बीच में स्थित है.
अमरावती के पास चार नेशनल हाईवे, एक नेशनल वाटर हाईवे, रेलवे का ग्रैंड ट्रंक रूट, तेजी से बढ़ रहा एयरपोर्ट और एक सी-पोर्ट भी है जिससे शहर को फायदा पहुंचाएगा.
अमरावती का रहा है धार्मिक महत्व
हिन्दू किवदंतियों के अनुसार गुंटूर जिले में स्थित अमरावती एक समय देवताओं के राजा इंद्र की राजधानी थी. सातवाहन शासकों के काल में अमरावती सत्ता का केंद्र था. 450 साल तक अमरावती का इलाका आंध्र प्रदेश तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक तक फैला हुआ था.
IANS से भी इनपुट