नई दिल्ली, आज से तकरीबन एक साल पहले 31 अगस्त 2021 को देश कि सबसे बड़ी अदालत ने नोएडा सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक के ट्विन टावर्स को अवैध घोषित किया था, सुप्रीम कोर्ट ने तब ये माना था कि ट्विन टावर को बनाने में नियमों का उल्लंघन किया गया है. इतना ही नहीं, इस […]
नई दिल्ली, आज से तकरीबन एक साल पहले 31 अगस्त 2021 को देश कि सबसे बड़ी अदालत ने नोएडा सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक के ट्विन टावर्स को अवैध घोषित किया था, सुप्रीम कोर्ट ने तब ये माना था कि ट्विन टावर को बनाने में नियमों का उल्लंघन किया गया है. इतना ही नहीं, इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर भी सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त टिप्पणी की थी और 3 महीने में यानी नवंबर 2021 तक टावर गिराने का आदेश दिया था. इस फैसले को एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के बायर्स की बड़ी जीत की तरह देखा गया क्योंकि रियल स्टेट के सेक्टर में ये बायर और बिल्डर के बीच एक बहुत बड़ा संग्राम था, जिसमें बायर्स की जीत हुई थी. आइए बताते हैं अब इस टावर को गिराने का आदेश दिए जाने के चलते सुपरटेक को कितना नुकसान हुआ है:
ट्विन टावर्स को गिराने में तकरीबन 17.55 करोड रुपए का खर्च आने का अनुमान लगाया जा रहा है, ये खर्च भी सुपरटेक को ही उठाना होगा. लेकिन इसके पहले कुल 950 फ्लैट्स के इन 2 टावर्स को बनाने में ही सुपरटेक 200 से 300 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है, वहीं टावर्स को गिराने का आदेश दिए जाने से पहले इन फ्लैट्स की मार्केट वैल्यू बढ़कर 700 से 800 करोड़ तक पहुंच चुकी थी.
रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि इस इलाके में 10 हज़ार रुपए प्रति वर्ग फीट का रेट है अब इस हिसाब से बिना किसी विवाद के इन टावर्स की बाज़ार में कीमत 1000 करोड़ के पार निकल गई होती लेकिन अब सुपरटेक को ये भारी नुकसान होने वाला है, बता दें सुपरटेक ने इस नुकसान से बचने की भरसक कोशिश की थी. कोर्ट में तमाम तरह की दलीले दी थीं जिसमें एक टावर गिराकर वहां दूसरे को खड़े रहने का विकल्प भी दिया गया था, लेकिन कोर्ट ने इन टावर्स को गिराने का आदेश दिया, जिसके बाद अब ये टावर जमींदोज़ हो जाएंगे और ये धोखाधड़ी करने वाले डेवलपर्स के लिए एक सख्त संदेश होगा.
-ट्विन टावर्स में 711 ग्राहकों ने फ़्लैट बुक करवाए थे.
-सुपरटेक ने 652 ग्राहकों के साथ सेटलमेंट कर लिया है.
-बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड देने का विकल्प आज़माया जाएगा.
-मार्केट या बुकिंग वैल्यू+इंटरेस्ट की कीमत के बराबर रिफंड दिया जाएगा.
-जिन लोगों को बदले में सस्ती प्रॉपर्टी दी गई उनमें सभी को अभी तक बाकी की रकम नहीं दी गई है.
-ट्विन टावर्स के 59 ग्राहकों को अभी तक कोई रिफंड नहीं दिया गया है.
-31 मार्च 2022 ग्राहकों को रिफंड देने की आखिरी तारीख थी.
-25 मार्च को सुपरटेक के इंसोल्वेंसी में जाने की वजह से रिफंड की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.
-इंसोल्वेंसी में कुछ हिस्सा जाने के बावजूद और बाकी हिस्सा दिवालिया प्रक्रिया से बाहर होने पर भी अब तक ग्राहकों को रिफंड नहीं मिल पाया है.
-कुछ लोगों को प्लॉट/फ्लैट देकर बकाया रकम बाद में देने का वादा किया गया था लेकिन अब तक ये वादा अधूरा ही है.
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