नई दिल्ली : बॉलीवुड बनाम साउथ इंडस्ट्री की लड़ाई आप ऑस्कर तक जा पहुंची है. जहां दो फिल्मों के बीच अब ऑस्कर में जगह बनाने को लेकर टकरार जारी है. ये दो फिल्में हैं विवेक रंजन अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स और दूसरी है एस एस राजामौली की फिल्म ट्रिपल आर. दोनों ही फिल्मों ने […]
नई दिल्ली : बॉलीवुड बनाम साउथ इंडस्ट्री की लड़ाई आप ऑस्कर तक जा पहुंची है. जहां दो फिल्मों के बीच अब ऑस्कर में जगह बनाने को लेकर टकरार जारी है. ये दो फिल्में हैं विवेक रंजन अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स और दूसरी है एस एस राजामौली की फिल्म ट्रिपल आर. दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सक्सेस हासिल की थी. क्रिटिक से लेकर कई राजनेताओं ने दोनों फिल्मों को सराहा था. लेकिन अब बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक अनुराग कश्यप के एक इंटरव्यू ने दोनों फिल्मों के बीच ऑस्कर की खींचतान बढ़ा दी है. जानिए कौन सी फिल्म है ऑस्कर के लिए बेस्ट.
बॉलीवुड के बेहतरीन फिल्ममेकर्स में शुमार अनुराग कश्यप अब इस सवाल का जवाब देते नज़र आ रहे हैं. उनकों सिनेमा के पैने पारखी की तरह देखा जाता है. देश में ही नहीं, इंटरनेशनल स्तर पर भी सिनेमा को लेकर उनकी नजर चौकस बनी रहती है. इसलिए जब वो सिनेमा पर अपनी राय रखते हैंतो उसमें वजन तो होता है. हाल ही में उन्होंने ऑस्कर अवार्ड में किस फिल्म को जाना चाहिए और किस फिल्म को नहीं जाना चाहिए इसपर बात की है. उन्होंने कहा कि RRR को अगर भारत ऑस्कर अवार्ड्स में अपनी ऑफिशियल इंडियन एंट्री फिल्म बनाकर भेजा जाए तो फिल्म को ऑस्कर मिलने का चांस 99% है यानी इंडिया के पास आखिरकार ऑस्कर जीतने का एक चांस हो सकता है.
इसी इंटरव्यू में फिल्म मेकर अनुराग कश्यप ने विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को नकारते हुए कहा. कि अगर ये फिल्म ऑस्कर में जाती है तो चांस कम होगा. हालांकि, उन्होंने ये बात बड़े ही कैजुअल अंदाज़ में कही लेकिन उनकी ये बात बवाल में तब्दील हो चुकी है. बता दें, ‘द कश्मीर फाइल्स’ उन फिल्मों में शुमार हैं जिसने इस साल अच्छी कमाई की थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया था. साथ में फिल्म को क्रिटिक समेत जनता का अच्छा रेस्पॉन्स मिला था.
कश्मीरी पंडितों के साथ हुई हिंसा की कहानी को दिखाने वाली ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लोगों द्वारा डबडबाई आंखों के साथ थिएटर्स में देखा गया. अनुराग कश्यप के इस बयान को लेकर विवेक अग्निहोत्री का आरोप है कि ये एक प्रोपेगैंडा के तहत कहा गया है. जहां बॉलीवुड नहीं जानता है कि उनकी फिल्म ऑस्कर तक जाए. और एक तयशुदा राजनीतिक पूर्वाग्रह के साथ बनाई गई है. इसलिए जब अनुराग कश्यप ने इसे ऑस्कर में न भेजे जाने की उम्मीद जताई तो फिल्म देखकर इमोशनल होने वाले बहुत लोग आहत भी हो गए.
एक रिपोर्ट में दोनों फिल्मों के भार को नापा गया है और बताया गया है कि दोनों फिल्मों में से किस फिल्म को ऑस्कर के लिए जाना चाहिए. इस रिपोर्ट में कश्मीर फाइल्स को राजनीति से जुड़ी फिल्म के तौर पर बताया गया है. वहीं RRR का इमोशन भी अलग है. दोनों ही फिल्में इमोशन के मामले में अलग-अलग तरह से जनता को प्रभावित करती हैं लेकिन दोनों फिल्मों में राजनीति की मौजूदगी एक बड़ा फैक्टर है.
वहीं ऑस्कर में दोनों फिल्मों का प्रभाव अलग हो सकता है. क्योंकि अगर कोई फिल्म ऑस्कर के लिए जाती है तो भले ही उस फिल्म को पहले कई निर्देशकों और फिल्म निर्माताओं ने ना देखा हो लेकिन बाद में उसे दुनिया भर के निर्माताओं के समक्ष रखा जाता है और निजी तौर पर भी उसे कई बड़े फिल्म मेकर्स देखते और परखते हैं. ऐसे में दोनों फिल्मों का इमोशनल एंगल देश की छवि को भी प्रभावित कर सकता है.
देखा जाए तो RRR कई मानकों पर खरी उतारती है. क्योंकि इस फिल्म को लेकर कोई बवाल नहीं हुआ. फिल्म वर्ल्डवाइड रिलीज़ हुई और इसमें भारतीय संस्कृति में मतभेद नहीं दिखाया गया है बल्कि फिल्म उस टाइम को दिखाती है जब भारत में किसी और देश का शासन था. इस तरह से फिल्म कई मामलों में द कश्मीर फाइल्स से ऑस्कर में बेहतर परफॉर्म कर सकती है.