नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर बवाल मच गया है, मामला इतना बढ़ गया कि गृह मंत्रालय को इस संबंध में सफाई देनी पड़ी. इसी कड़ी में दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रोहिंग्या विवाद के मामले को लेकर ट्वीट करते हुए […]
नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर बवाल मच गया है, मामला इतना बढ़ गया कि गृह मंत्रालय को इस संबंध में सफाई देनी पड़ी. इसी कड़ी में दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रोहिंग्या विवाद के मामले को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार सुबह-सुबह जिस खबर को अपनी उपलब्धि बताती नहीं थम रही थी, आम आदमी पार्टी द्वारा विरोध किए जाने पर अब इसकी ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार पर मढ़ने लगी है. जबकि हक़ीक़त है कि केंद्र सरकार चोरी छुपे रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थाई ठिकाना देने की साजिश रच रही थी.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर ही अफ़सरों और पुलिस ने फैसले लिए. जिन्हें, दिल्ली के मुख्यमंत्री या गृहमंत्री या दिल्ली सरकार को दिखाए बिना ही उप राज्यपाल की मंज़ूरी के लिए भेजा जा रहा था. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार अवैध रूप से रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने की इस साज़िश को कामयाब नहीं होने देगी. सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार खुद रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाना चाहती है और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार के कंधे पर डालना चाहती है.
यह मामला केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट के बाद चर्चा में आ गया. दरअसल, हरदीप पुरी ने ट्वीट कर कहा था कि भारत हमेशा उनका स्वागत करता है जिन्होंने देश में शरण मांगी है. पूरी ने आगे लिखा कि एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं, UNHRC आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा दी जाएगी. हरदीप सिंह पुरी के इस ट्वीट के बाद ही हलचल बढ़ गई, जिसके बाद गृह मंत्रालय को सफाई देनी पड़ी.
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