नई दिल्ली: हमारे शास्त्र व हिंदू धर्म में श्री कृष्ण जी भगवान विष्णु के 8वें अवतार माने जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इसी के आधार पर इस दिन देशभर में बहुत ही धूम-धाम के […]
नई दिल्ली: हमारे शास्त्र व हिंदू धर्म में श्री कृष्ण जी भगवान विष्णु के 8वें अवतार माने जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इसी के आधार पर इस दिन देशभर में बहुत ही धूम-धाम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन प्रेम से भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है। इसके अलावा कई तरह के उपाय किए जाते हैं. इस दिन भक्त अपनी मनोकामनाएँ प्राप्ति के लिए व जीवन में सफलता पाने के लिए व्रत रखते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो लोग घर में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, उन भक्तों के लिए जन्माष्टमी का दिन बेहद खास होता है. अगर आप भी इस बार जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण की कोई मूर्ति घर लाने की सोच रहे हैं, तो इससे पहले आप वास्तु के अनुसार कान्हा जी की मूर्ति को रखने की सही दिशा के बारे में जान लें.
भगवान श्री कृष्ण का हर स्वरूप आपकी हर मनोकामना को पूरा करता है. बशर्ते कान्हा के स्वरुप को सही दिशा में रखा गया हो. घर के ईशान कोण में कृष्ण जी के माखनचोर वाली तस्वीर को लगाना बेहद शुभ होता है. बता दें, ऐसी तस्वीर से व्यक्ति के मन में आस्था जागती है. अगर आपके घर में 12 साल तक के बच्चे हैं, तो फिर घर में बाल कृष्ण की तस्वीर लगाएं. इससे आपके घर के सदस्यों की स्मृत्ति और बुद्धिमत्ता बढ़ती है. पूर्व दिशा में आप बाल गोपाल का मनमोहक चित्र लगाएं. इसे लगाने से आपके घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती और सदैव मां लक्ष्मी का वास बना रहता है. भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप की तस्वीर को आप घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में लगा सकते। इसे ऊर्जा का सूचक माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)