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जेल में रहते हुए बाहुबली आनंद मोहन परिवार से मिलने पहुंचे? तस्वीरें वायरल

पटना : 12 अगस्त को आनंद मोहन को पेशी के लिए सिविल कोर्ट में पटना लाया गया था. जानकारी के अनुसार कोर्ट में पेशी के बाद सहरसा जेल लौटते समय वह पाटलिपुत्र कॉलोनी में आपने परिवार और अपने समर्थकों से मिलने गए. इस मुलाकात की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसपर […]

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जेल में रहते हुए बाहुबली आनंद मोहन परिवार से मिलने पहुंचे? तस्वीरें वायरल
  • August 14, 2022 9:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना : 12 अगस्त को आनंद मोहन को पेशी के लिए सिविल कोर्ट में पटना लाया गया था. जानकारी के अनुसार कोर्ट में पेशी के बाद सहरसा जेल लौटते समय वह पाटलिपुत्र कॉलोनी में आपने परिवार और अपने समर्थकों से मिलने गए. इस मुलाकात की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसपर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

जेल से लौटे घर?

गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. मामले को लेकर सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की एक फोटो वायरल हो रही है. इस फोटो में वह अपनी पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद के साथ दिखाई दे रहे हैं. ये फोटो बिहार पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रही है. वहीं इसको लेकर बीजेपी ने बिहार की महागठबंधन सरकार में जंगलराज की वापसी कहते हुए निशाना साधा है.

वायरल हो रही तस्वीरें

दरअसल आनंद मोहन को 12 अगस्त के दिन सिविल कोर्ट में पेश करने के लिए पटना लाया गया. बताया जा रहा है कि कोर्ट में पेशी के बाद सहरसा जेल लौटते समय वह अपने आवास गए थे. उन्होंने अपनी पूर्व सांसद पत्नी लवली आनंद, बेटे चेतन आनंद, जो राजद विधायक भी हैं और अपने समर्थकों से मुलाकात की. अब उनकी मुलाकात की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं.

पुलिस पर उठ रहे सवाल

इन तस्वीरों को लेकर अब बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि किस तरह आनंद मोहन, जिसे सहरसा से पटना लाया गया, वह पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पहुंच गए. दूसरी ओर भाजपा ने बिहार की नई महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आनंद मोहन का मामला एक ऐसा घटना है, जो बिहार में जंगलराज की वापसी को दिखाता है.

भाजपा का निशाना

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “जेल की अवधि समाप्त होने के बावजूद, सरकार ने उन्हें अभी भी जेल में रखा है और उन्हें रिहा नहीं किया गया है. लेकिन, बिना जमानत के आनंद मोहन के परिवार से मिलने की घटना भी दुर्भाग्यपूर्ण है और इस तरह की घटना अब राज्य में होती ही रहेंगी. यह बिहार में जंगल राज की वापसी है और जो कुछ हुआ, वह सिर्फ ट्रेलर है.”

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