पटना। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बनते ही मंत्रालय को लेकर खींचतान शुरु हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल पहले ही स्पीकर और गृह मंत्रालय को लेकर दावा ठोक चुकी है. वहीं, अब मंत्री पद को लेकर कांग्रेस ने दबाव की राजनीति शुरु कर दी है. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि […]
पटना। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बनते ही मंत्रालय को लेकर खींचतान शुरु हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल पहले ही स्पीकर और गृह मंत्रालय को लेकर दावा ठोक चुकी है. वहीं, अब मंत्री पद को लेकर कांग्रेस ने दबाव की राजनीति शुरु कर दी है. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि संख्या बल के हिसाब से उसे सम्मानजनक पद मिलना चाहिए. मंत्रालयों को लेकर उठ रहे सवाल को लेकर बिहार के नए डिप्टी सीएम ने प्रतिक्रिया दी है.
खबरों के मुताबिक कांग्रेस महागठबंधन की सरकार में चार मंत्री पद की मांग कर रही है. इसी बीच कांग्रेस विधायक छत्रपति यादव ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है. बता दें कि छत्रपति यादव ने पार्टी में एकमात्र यादव विधायक होने की बात कहते हुए खुद को मंत्री बनाने की मांग की है.महागठबंधन में संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. राज्य में कांग्रेस के 19 विधायक है. वहीं, अब बिहार के नए डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा है कि गेंद नीतीश के पाले में है, हिस्सेदारी बांटने की जिम्मेदारी उन्हीं की है.
बिहार के डीप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गुरुवार को निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय स्थापित करने के लिए अपना आवास देने को तैयार हैं. राजनीतिक प्रतिशोध के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया जाता रहा है.
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना