ऑस्टिन. अमेरिका में डिजिटल घड़ी बनाने पर बम के संदेह में गिरफ्तार किए गए अहमद मोहम्मद अब पढ़ाई के लिए परिवार के साथ क़तर चले गए हैं. अमेरिका के टेक्कस निवासी अहमद को क़तर सरकार ने वज़ीफा दिया है.
मोहम्मद के परिवार ने बयान जारी कर कहा है कि अहमद की गिरफ़्तारी के बाद हमें सहयोग के जितने प्रस्ताव मिले हैं उससे हम बहुत खुश हैं. व्हाइट हाउस से लेकर सूडान और मक्का तक के व्यापारिक और शैक्षणिक संगठनों ने हमारा स्वागत किया.
अमेरिका में डिजिटल घड़ी बनाकर स्कूल लाने पर गिरफ्तार किए गए अहमद ने कहा था कि घटना के बाद उसने अपनी मासूमियत खो दी है. उसने बताया, ‘मैं अपनी मासूमियत खो चुका हूं. अब दुनिया को देखने का मेरा नजरिया बदल चुका है. मुझे साइंस पसंद है, लेकिन मेरी चमड़ी के रंग के कारण लोग मुझे खतरा समझते हैं.’
अमेरिका राज्य टेक्सास के इरविंग में रहने वाले इस 14 साल के स्टूडेंट को बम बनाने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था. स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए घर में ही बनाई गई डिजिटल घड़ी को उसकी टीचर ने बम समझा और पुलिस बुला ली. हालांकि पूछताछ और जांच में कोई सबूत न मिलने पर उसे कुछ देर बाद छोड़ दिया गया.
अमेरिका में लोगों ने किया था विरोध प्रदर्शन
14 साल के अहमद मोहम्मद की गिरफ़्तारी की ख़बर फैलते ही उस समय सोशल मीडिया पर #ISTANDWITHAHMED ट्रैंड करने लगा था. पूरे अमेरिका में लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और राष्ट्रपति ओबामा, हिलेरी क्लिंटन और फ़ेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग समेत हज़ारों लोग उसके समर्थन में उतर आए थे.
ओबामा-जुकरबर्ग, हिलेरी क्लिंटन अहमद के आए थे सपोर्ट में
राष्ट्रपति ओबामा ने ट्वीट के ज़रिए उसे व्हाइट हाउस आने का न्यौता भी दिया था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘बहुत शानदार घड़ी है अहमद. क्या उसे व्हाइट हाउस में लेकर आना चाहोगे? हमें दूसरे बच्चों को भी तुम्हारी तरह विज्ञान में रूचि बढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिए. ऐसी ही बातों से अमेरिका महान बनता है.’
फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने अपने एक स्टेटस में लिखा था ‘आपने अहमद की कहानी को सुना होगा, एक 14 साल का बच्चा, जिसने एक घड़ी बनाई और उसको गिरफ्तार कर लिया गया. उसमें कुछ नया करने की योग्यता है , जो कि काबिलेतारीफ है. ऐसे में उसकी जगह वहां नहीं है. भविष्य अहमद जैसे बच्चों पर ही निर्भर है. अगर आप कभी भी फेसबुक के माध्यम से आना चाहते हैं, तो मैं आपसे जरूर मिलना चाहूंगा. ऐसे ही काम करते रहिए’