नई दिल्ली : आज से 77 साल पहले दुनिया में आसमान से मौत की बारिश हुई थी। उस समय जापान के हिरोशिमा शहर पर अमेरिका ने विश्व का पहला परमाणु हमला किया था। परमाणु बम से हिरोशिमा में 4000 डिग्री की गर्मी उत्पन्न हुई थी, जिससे पल भर में पूरे शहर को तबाह कर दिया […]
नई दिल्ली : आज से 77 साल पहले दुनिया में आसमान से मौत की बारिश हुई थी। उस समय जापान के हिरोशिमा शहर पर अमेरिका ने विश्व का पहला परमाणु हमला किया था। परमाणु बम से हिरोशिमा में 4000 डिग्री की गर्मी उत्पन्न हुई थी, जिससे पल भर में पूरे शहर को तबाह कर दिया था। उसके बाद से परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच जंग की आशंका पैदा होती है और शांतिप्रेमियों की रूह कांप जाती है।
6 अगस्त को दुनिया ‘हिरोशिमा दिवस’ के रूप में जानती है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था। उस वक्त भी जापान ताकतवर था। 1939 में शुरू हुए इस विश्व युद्ध को 6 साल हो चुके थे, लेकिन जंग रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 की सुबह करीब 8 बजे हिरोशिमा पर एक परमाणु बम गिराया था। धमाका होते ही पल भर में 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। बम से निकली 4000 डिग्री की गर्मी ने हिरोशिमा शहर का नामो निशान मिटा दिया था। शहर में देखते ही देखते सब कुछ जलकर खाक होग गया था, सिर्फ दो मिनट में शहर का 80 फीसदी इलाका आग में राख हो गया। 29 km के इलाके में आसमान से काली बारिश हुई।
अमेरिका ने हिरोशिमा पर हमले करने के बाद तीसरे दिन जापान के नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया था। 9 अगस्त 1945 को सुबह 11 बजे जब नागासाकी पर बम गिराया तो वहां क्षणभर में 40 हजार लोग मौत की नींद सो गए थे। परमाणु हमले के कई सालों बाद तक जापान के इन शहरों के आसपास परमाणु विकिरण के कारण अपंग बच्चे पैदा होते रहे। आखिरकार भारी तबाही देखकर जापान झुका और अमेरिका के सामने सरेंडर किया। फिर दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ।