नई दिल्ली. गांजा, चरस, अफीम ये सब वो नशे हैं जिनके इस्तेमाल पर सरकार की तरफ से भी बैन है ऐसे में इसके सेवन का तो कोई मतलब नहीं बनता. लेकिन फिर भी आज के युवा बेहद दीवाने होकर चरस, गांजे के शौकीन हैं. इतना ही नहीं इसे खरीदने के लिए भी खूब मेहनत करते […]
नई दिल्ली. गांजा, चरस, अफीम ये सब वो नशे हैं जिनके इस्तेमाल पर सरकार की तरफ से भी बैन है ऐसे में इसके सेवन का तो कोई मतलब नहीं बनता. लेकिन फिर भी आज के युवा बेहद दीवाने होकर चरस, गांजे के शौकीन हैं. इतना ही नहीं इसे खरीदने के लिए भी खूब मेहनत करते हैं. दिल्ली, मुंबई हो या लखनऊ या हो पटना, हर शहर में गांजे या ऐसे नशों का जमकर सेवन है. कोई खुले आम तो कोई चोरी छुपकर, अपनी जिंदगी को धीरे-धीरे धुंए में ख़त्म करने वाले युवा इसमें ज़रा भी संकोच नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं इसे बेचने वालों में भी पुलिस का कोई डर नजर नहीं आता. नशे की खरीदारी में युवा आगे हैं जो अफसोस देश का भविष्य भी हैं.
समाज के युवा गांजा- चरस पीने को अब कूल मानते हैं. इस खतरनाक नशे की लत में पड़ चुके लोग इसे अब जीने का सहारा भी मानने लगे हैं. सिर्फ ये ही नहीं नशे की पैरवी भी इन लोगों की इतनी आगे है कि अपने दोस्तों को भी इन नशों के इतने फायदे बताने लगते हैं. गांजा-चरस पीने वाले इस आदत को भोलेनाथ भगवान का नाम लेकर छुपाते हैं. लेकिन ऐसे में ये युवा न अपनी ज़िन्दगी के बारे में सोचते हैं न दूसरों की. नशे के इतने नुकसान होने के बावजूद युवा बेपरवाह होकर अपनी सांसे घटाने में लगे है. लेकिन इस आदत को छोड़ना मुश्किल नहीं है. अगर आपके दिल में ज़रा सी भी चाहत है इसे छोड़ने की तो आप कुछ तरीके अपना कर इसे छोड़ सकते हैं, आइए आपको बताते हैं उन तरीकों के बारे में:
नशा मुक्ति केंद्र का सहारा लें
जो चीजें आपको पंसद हो उन्हें करने की कोशिश करें.
विल पावर स्ट्रांग रखें
नशें के बारे में न सोचे।