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China Taiwan Tension: चीन ने ताइवान के करीब शुरू किया अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास, तीसरे विश्व युद्ध की आहट!

China Taiwan Tension: नई दिल्ली। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन पूरी तरह भड़क गया है। उसने ताइवान सीमा के पास अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि चीन ये अभ्यास 6 क्षेत्रों में कर रहा है। इसी बीच चीनी विदेश मंत्रालय एक […]

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China Taiwan Tension: चीन ने ताइवान के करीब शुरू किया अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास, तीसरे विश्व युद्ध की आहट!
  • August 5, 2022 8:43 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

China Taiwan Tension:

नई दिल्ली। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन पूरी तरह भड़क गया है। उसने ताइवान सीमा के पास अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि चीन ये अभ्यास 6 क्षेत्रों में कर रहा है। इसी बीच चीनी विदेश मंत्रालय एक बार फिर दोहराते हुए कहा है कि पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है और ताइवान देश के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है।

ताइवान के साथ खड़ा रहेगा अमेरिका

बता दें कि इससे पहले अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान अपने ताइवान दौरे के दौरान कहा था कि अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है।

लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष

नैंसी पेलोसी ने कहा कि दुनिया में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष है। जैसा कि चीन समर्थन हासिल करने के लिए अपनी सॉफ्ट पावर का उपयोग करता है, हमें ताइवान के बारे में उसकी तकनीकी प्रगति के बारे में बात करनी होगी और लोगों को ताइवान के अधिक लोकतांत्रिक बनने का साहस दिखाना होगा।

ताइवान में फल-फूल रहा है लोकतंत्र

स्पीकर पेलोसी ने कहा कि ताइवान में लोकतंत्र फल-फूल रहा है। ताइवान ने दुनिया को साबित किया है कि चुनौतियों के बावजूद अगर आशा, साहस और दृढ़ संकल्प है तो आप समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। ताइवान के साथ अमेरिका की एकजुटता महत्वपूर्ण है। आज हम यही संदेश लेकर आए हैं

चीन-ताइवान के बीच विवाद क्या है?

ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थित एक द्वीप है। ताइवान खुद को एक संप्रभु राष्ट्र मानता है। उसका अपना संविधान और लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार भी है। वहीं चीन की कम्युनिस्ट सरकार ताइवान को अपने देश का महत्वपूर्ण हिस्सा बताती है। चीन इस द्वीप को एक बार फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते आए हैं।

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