नई दिल्ली, ताइवान और चीन के बीच तनाव अब बढ़ते ही जा रहा है, खबर है कि चीन के 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस एरिया में देखे गए हैं. उन विमानों के वहां आने से ताइवान की सरकार भी तुरंत एक्शन में आई और उनकी तरफ से भी कुछ लड़ाकू विमानों को रवाना […]
नई दिल्ली, ताइवान और चीन के बीच तनाव अब बढ़ते ही जा रहा है, खबर है कि चीन के 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस एरिया में देखे गए हैं. उन विमानों के वहां आने से ताइवान की सरकार भी तुरंत एक्शन में आई और उनकी तरफ से भी कुछ लड़ाकू विमानों को रवाना कर दिया गया.
चीन के जो लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस एरिया देखे गए हैं, उसमें 5 J-16, 16 SU-30 फाइटर जैट शामिल हैं. ताइवान की सरकार के मुताबिक खतरे को देखते हुए तुरंत एयर मिसाइल डिफेंस एक्टिवेट कर दिया गया है और उनके खुद के लड़ाकू विमान भी मौके पर तैनात किए जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से लगातार ताइवान में हलचल देखने को मिल रही है, गौरतलब है जब से अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान दौरे पर आई थीं, चीन की तरफ से धमकियों का दौर शुरू हो गया था. अब उन धमकियों के बाद फाइटर जैट्स के जरिए भी ताइवान को डराने की कोशिश की जा रही है.
नैंसी पेलोसी ने बुधवार को कहा कि ताइवान की यात्रा पर पहुंचा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल यह संदेश दे रहा है कि अमेरिका स्वशासी द्वीप के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटने वाला है. चीन के विरोध के बावजूद पेलोसी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ताइवान में कई नेताओं के मुलाकात भी की. ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के साथ मुलाकात के बाद एक संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा था, आज विश्व के सामने लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच एक को चुनने की चुनौती है और ऐसे में ताइवान और दुनियाभर में सभी जगह लोकतंत्र की रक्षा करने को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता अडिग है.
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