नई दिल्ली : हमारा राष्ट्रध्वज तिरंगा देश की शान माना जाता है. देश के जवान इसकी रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देते हैं. दूसरी ओर देश के कई आम नागरिक इसकी गरिमा और सम्मान में कमी ना आए इसका प्रयास करते हैं. हालांकि बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि […]
नई दिल्ली : हमारा राष्ट्रध्वज तिरंगा देश की शान माना जाता है. देश के जवान इसकी रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देते हैं. दूसरी ओर देश के कई आम नागरिक इसकी गरिमा और सम्मान में कमी ना आए इसका प्रयास करते हैं. हालांकि बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि तिरंगे को फहराने के लिए भी केवल विशेष परिस्थितियां ही होती हैं. इसके लिए देश में सरकार द्वारा बनाई गई ध्वज संहिता भी है. जिसके तहत अगर आपका तिरंगा गलत स्थिति में फेहराया गया है तो आपको इसका दंड भी भोगना पड़ सकता है. आइये आपको बताते हैं क्या है वह विशेष परिस्थियां।
ध्वज संहिता के भाग-दो की धारा-दो के अनुच्छेद-दो के उपबंध 22(ii) के मुताबिक- देश वासियों या किसी को भी क्षतिग्रस्त, कटा-फटा या फिर उड़े रंगों वाला अस्त-व्यस्त ध्वज नहीं फहराना चाहिए. उपबंध 22 (xiii) के अनुसार, जब राष्ट्रध्वज का कलेवर जीर्ण हो जाए यानी वो क्षतिग्रस्त या बदरंग हो जाए या फिर तिरंगा कट फट जाए तो उसे एकांत में पूर्ण सम्मान के साथ जलाना या दफनाना चाहिए. तिरंगे को सभी तरीके से ही नष्ट किया जाना चाहिए जिससे राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और महिमा बनी रहे.
ध्वज संहिता के भाग-दो में जीर्ण-शीर्ण राष्ट्रध्वज को पूरी तरह से नष्ट करने की विधि भी बताई गई है. राष्ट्रीय गौरव अपमान निरोधक अधिनियम की धारा दो में भी इसका वर्णन है. ध्वज संहिता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक जगह पर राष्ट्रध्वज को अपमानित करते देखा जाता है तो यह एक अपराध है. तिरंगे या उसके किसी भाग को फाड़ना, जलाना, कुचलना, दूषित या विकृत करना भी अथवा विरूपित करना भी इसी के तहत एक दंडनीय अपराध है. इस अपराध के लिए दोषी को 3 साल की जेल और अदालत की ओर से तय आर्थिक जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
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