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हरियाली तीज पर सास की थाली में ज़रूर रखें ये चीज़ें, मिलेगा लाभ

नई दिल्ली, हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को देश भर में मनाई जाती है, विशेष कर यूपी और बिहार में महिलाएं बढ़-चढ़कर इस पर्व में हिस्सा लेती हैं. यूँ तो तीज नाग पंचमी के दो दिन पहले आती है. इस साल हरियाली तीज का त्यौहार 31 जुलाई 2022, रविवार के दिन मनाया जाएगा, […]

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हरियाली तीज पर सास की थाली में ज़रूर रखें ये चीज़ें, मिलेगा लाभ
  • July 29, 2022 10:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को देश भर में मनाई जाती है, विशेष कर यूपी और बिहार में महिलाएं बढ़-चढ़कर इस पर्व में हिस्सा लेती हैं. यूँ तो तीज नाग पंचमी के दो दिन पहले आती है. इस साल हरियाली तीज का त्यौहार 31 जुलाई 2022, रविवार के दिन मनाया जाएगा, बता दें हरियाली तीज का त्यौहार भगवान शिव व माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं माता पर्वती की पूजा करती हैं और सुखी विवाहित जीवन और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए हरियाली तीज का व्रत रख सकती हैं. तीज का ये दिन सास को सुहाग की थाली दिए बना अधूरा ही माना जाता है, इसलिए इस दिन सास को सुहाग की थाली ज़रूर दे. आइए आपको बताते हैं कि आपको इस थाली में क्या-क्या रखना चाहिए:

इस दिन सास को सुहाग की थाली देना बहुत शुभ माना जाता है, सास को सुहाग की थाली बहुत ही अच्छे से सजाकर उपहारों से भरकर देनी चाहिए. आप अपनी सास को पीतल या स्टील की थाली में सुहाग की वस्तुओं दें, हरियाली तीज में हरे रंग का विशेष महत्व होता है इसलिए सास की थाली में हरे रंग का कपड़ा ज़रूर शामिल करें, आप चाहे तो हरे रंग का सूट या साड़ी दे सकते हैं. इसके साथ ही आप इस थाली में चूड़ियां, चांदी की बिछिया और सोलह श्रृंगार की वस्तुऐं रखें.

शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज रविवार, जुलाई 31, 2022 को मनाई जाएगी. वहीं तृतीया तिथि की शुरुआत – जुलाई 31, 2022 को सुबह 02 बजकर 59 मिनट पर होगी और 1 अगस्त 2022 को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगी.

पूजा विधि

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हरे रंग के कपड़े पहनें. इसके बाद घर की अच्छे से साफ-सफाई करें और तोरण से सजावट करें. मंदिर के सामने चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग रखें, फिर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाएं. सभी देवताओं की पूजा अर्चना करें. इस दिन महिलाएं रात भर जागकर पूजा करती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती के भजन करती हैं.

 

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