US-China Conflict: नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के रिश्तों में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। ताइवान के मुद्दे पर दोनों देशों अक्सर आमने-सामने आ जाते है। जिससे पूरी दुनिया में तनाव में बढ़ जाता है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मौजूदा तनाव को लेकर बातचीत हुई। […]
नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के रिश्तों में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। ताइवान के मुद्दे पर दोनों देशों अक्सर आमने-सामने आ जाते है। जिससे पूरी दुनिया में तनाव में बढ़ जाता है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मौजूदा तनाव को लेकर बातचीत हुई। जिसमें चीन ने राष्ट्रपति बाइडेन को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि जो आग से खेलेगा, वो खुद जलेगा। वहीं अमेरिका की तरफ से भी चीन को आगाह किया गया है।
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पलोसी की अगस्त में ताइवान की यात्रा प्रस्तावित है। जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव का पारा और चढ़ गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच फोन वार्ता से तल्खी कुछ कम होगी। मगर दोनों ही पक्षों की तरफ से फोन कॉल पर जारी बयानों ने तनाव कम होने के संकेत नहीं दिए है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद व्हाइट हाउस की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ताइवान को लेकर अमेरिकी नीति में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। ताइवान इलाके में मनमाने तरीके से यथास्थिति बदलने की किसी भी चीनी कोशिश और शांति भंग करने के प्रयास का अमेरिका कड़ा विरोध करेगा।
ताइवान पर अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस की ओर सी जानी बयान के बाद चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी बयान जारी किया गया है। जिसमें राष्ट्रपति जिनपिंग के हवाले से कहा गया है कि चीन ताइवान स्वतंत्रता की ओर बढ़ने वाले अलगाववादी कदमों और किसी भी बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है। चीन कभी भी ताइवान स्वतंत्रता बलों के लिए किसी भी रूप में कोई जगह नहीं देखता है।