नई दिल्ली। देश में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया टीकों की कुछ खेप के आयात को लेकर डेनमार्क की कंपनी बवेरियन नॉर्डिक के साथ बातचीत कर रहा है. वहीं, मंगलवार को एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने यह जानकारी दी है. बता दें […]
नई दिल्ली। देश में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया टीकों की कुछ खेप के आयात को लेकर डेनमार्क की कंपनी बवेरियन नॉर्डिक के साथ बातचीत कर रहा है. वहीं, मंगलवार को एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने यह जानकारी दी है.
बता दें कि अदार पूनावाला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समझौते की स्थिति में देश में टीके आयात करने के लिए दो से तीन महीने लगेंगे. उन्होंने कहा कि चूंकि देश में अब तक मंकीपॉक्स के कुछ ही मामले सामने आए हैं. इसलिए स्थानीय स्तर पर टीके के विकास और मांग की स्थिति के आकलन के लिए एसआईआई को अभी कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ेगा.
गौरतलब है कि भारत में मंकीपॉक्स के अब तक चार मामले सामने आए हैं. इनमें से तीन मामले केरल में आए हैं. एसआईआई कब तक मंकीपॉक्स के टीके आयात कर सकती है. इस बारे में पूनावाला ने कहा कि “मैं अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तुरंत ऐसा करने को तैयार हूं. जैसे ही हम इसे आयात करने के लिए किसी प्रकार का वाणिज्यिक समझौता करते हैं और बवेरियन नॉर्डिक से उपलब्धता के आधार पर, हम ऐसा करने की उम्मीद कर सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक डेनमार्क की कंपनी बवेरियन नॉर्डिक ने मंकीपॉक्स के खिलाफ पहले ही एक टीका बना लिया है और यह विभिन्न बाजारों में ब्रांड नाम जीनियोस, इम्वाम्यून या इम्वेनेक्स के तहत उपलब्ध है. पूनावाला ने कहा कि “मेरी टीम अभी उनसे बात कर रही है. बड़ी मात्रा में टीके के लिए हम सही मांग और आवश्यकता के आधार पर निर्णय करते हैं.
वहीं, अदार पूनेवाला ने कहा कि एसआईआई शुरू में अपनी लागत पर टीके की कुछ खेप आयात करने को तैयार है, लेकिन सरकार को यह तय करना होगा कि बड़ी मात्रा के लिए क्या करना है. पूनावाला ने कहा कि “कुछ ही मामले आए हैं और इसलिए हड़बड़ी की कोई जरूरत नहीं है कि लाखों खुराक का ऑर्डर दें और वह सब करें. पहले भी सरकार के साथ बहुत अच्छा सहयोग किया है और हमें अभी भी उस तरह से हमें सरकार से सहयोग की जरूरत है.