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Sawan shivratri 2022: सावन शिवरात्रि आज, भूलकर भी न करें ये गलतियां

नई दिल्ली, वैसे तो सावन महीने का हर दिन भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए बहुत खास होता है लेकिन सावन महीने के सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि की विशेष मान्यता है. शिवरात्रि हर महीने की चतुर्दशी को मनाई जाती है, वहीं इसी साल सावन महीने में शिवरात्रि आज यानी 26 जुलाई 2022, मंगलवार […]

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Sawan shivratri 2022: सावन शिवरात्रि आज, भूलकर भी न करें ये गलतियां
  • July 26, 2022 2:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, वैसे तो सावन महीने का हर दिन भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए बहुत खास होता है लेकिन सावन महीने के सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि की विशेष मान्यता है. शिवरात्रि हर महीने की चतुर्दशी को मनाई जाती है, वहीं इसी साल सावन महीने में शिवरात्रि आज यानी 26 जुलाई 2022, मंगलवार को मनाई जा रही है. इस दिन एक बेहद शुभ संयोग बन रहा है, जिसके कारण इस दिन शिव पार्वती की पूजा करने से आपको विशेष लाभ होंगे.

शुभ मुहूर्त

सावन महीने की शिवरात्रि 26 जुलाई की शाम 06:45 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 09:10 बजे तक रहेगी, इसलिए आप भगवान शिव का जलाभिषेक 26 और 27 जुलाई दोनों ही दिन कर सकते हैं. वहीं शिवरात्रि में चार पहर की पूजा का विशेष महत्व होता है. मान्‍यता है कि शिवरात्रि के दिन चारों प्ररह की पूजा करने से पुरुषार्थ, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सावन शिवरात्रि की पूजा के लिए सबसे उत्‍तम मुहूर्त शाम 06:30 बजे से 07:30 बजे तक रहेगा, इस दौरान माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से आपको बहुत लाभ होगा.

न करें ये काम

  • सावन की शिवरात्रि पर भगवान शिव का गंगाजल, दूध या पंचामृत से अभिषेक करें, भगवान शिव के जलाभिषेक में कभी भी स्टील या लोहे के पात्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. बेहतर होगा कि आप तांबा, पीतल या कांसा, चांदी या फिर अष्टधातु से बने लोटे से भगवान शिव का जलाभिषेक करें.
  • शिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग शिवलिंग पर टीका लगाते हैं, याद रखें कि शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम या हल्दी का टीका नहीं न लगाएं. इसकी जगह आप भगवान को गुलाल का टीका लगा सकते हैं. शिवरात्रि पर भोलेनाथ को भूलकर भी टूटे हुए चावल ना चढ़ाएं, इस दिन भगवान को अक्षत यानी अटूट चावल ही अर्पित करें क्योंकि ये पूर्णता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन गंदे या टूटे हुए चावल शिवजी को चढ़ाना अशुभ माना जाता है.
  • इसके अलावा, शिवजी की पूजा में टूटे हुए बेलपत्र या तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल न करें, भगवान शिव को हमेशा तीन पत्रों वाला बेलपत्र ही अर्पित करना चाहिए.

इस साल सावन महीने में सावन शिवरात्रि और मंगला-गौरी व्रत एक ही दिन पड़ रहा है, ऐसे में, मंगला-गौरी व्रत सावन महीने के सभी मंगलवार को रखा जाता है. भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्‍न करने के लिए मंगला-गौरी व्रत रखा जाता है. सुहागिन महिलाएं यह व्रत रखती हैं, बता दें इस साल 26 जुलाई, मंगलवार को सावन शिवरात्रि और मंगला गौरी होने से शिव-गौरी का विशेष संयोग बन रहा है. ‘

 

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