नई दिल्ली: सफलता आखिरी पड़ाव नहीं होता और न ही असफलता से कभी निराश होना चाहिए, कोशिश करने से एक न एक दिन सफलता जरूर आपके कदम चूमती हैं. खासकर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो असफलताओं का सामना करने के बाद भी अपने सपनों को नहीं छोड़ते हैं. आज हम एक IAS अधिकारी के […]
नई दिल्ली: सफलता आखिरी पड़ाव नहीं होता और न ही असफलता से कभी निराश होना चाहिए, कोशिश करने से एक न एक दिन सफलता जरूर आपके कदम चूमती हैं. खासकर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो असफलताओं का सामना करने के बाद भी अपने सपनों को नहीं छोड़ते हैं. आज हम एक IAS अधिकारी के बारे में बताएंगे, जिन्होंने UPSC की परीक्षा पास करने से पहले लगभग सात साल के लंबे संघर्ष के बाद सफलता प्राप्त की। IAS ऑफिसर नमिता शर्मा ने पांच बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और अपने आखिरी प्रयास में सफलता हासिल कर ली।
IAS अधिकारी नमिता शर्मा ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. जिसके बाद उन्होंने IBM में दो साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम किया. लेकिन नमिता अपने काम से खुश नहीं थी और UPSC की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ने का फैसला किया।
ये जानकर हैरानी होगी कि नमिता प्री-परीक्षा में लगातार चार बार फेल हो गई थीं. उन्होंने परीक्षा के लिए काफी तैयारी की लेकिन सही दिशा में नहीं. उन्होंने बताया कि मैंने स्नातक पास करने के बाद से सभी सरकारी परीक्षा देना शुरू कर दिया था, इस दौरान जाने बिना यूपीएससी में अपने शुरुआती तीन प्रयासों को समाप्त कर दिया था। फिर भी नमिता ने अपनी उम्मीद नहीं खोई और मेहनत करती रहीं. धैर्य के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहीं।
नमिता शर्मा ने आखिरकार प्री-टेस्ट पास कर लिया और इंटरव्यू में पहुंच गई, मामूली अंतर से अंतिम सूची में अपनी जगह नहीं बना पाई. इस परिणाम ने उसे निराश नहीं कया बल्कि उसने इसे सकारात्मक तरीके से लिया, इस बार और अधिक आश्वस्त हो गई. IAS 2018 में उन्होंने अखिल भारतीय रैंक 145 हासिल की।