Draupadi Murmu: नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू आज भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन जाएंगी। वे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। ओडिशा के एक आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी का देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंचने का सफर आसान नहीं था। उनकी जिंदगी में ऐसी कई घटनाएं […]
नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू आज भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन जाएंगी। वे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। ओडिशा के एक आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी का देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंचने का सफर आसान नहीं था। उनकी जिंदगी में ऐसी कई घटनाएं हुई है, जिसनें मुर्मू को अंदर तक हिला कर रख दिया है।
आइए आज आपको बताते हैं भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीवन की 4 ऐसी ट्रेजडी के बारें में, जिसकी वजह से वो डिप्रेशन में चली गई थी।
बता दें कि साल 2010 से साल 2014 तक इन चार सालों में लगातार 3 ऐसी घटनाएं ऐसी हुईं, जिसने द्रौपदी मुर्मू को अंदर तक हिला कर रख दिया था। एक ही घर से 3 लाशें गांव में दफन हुईं। लेकिन मूर्मु की जिंदगी में ट्रेजडी की शुरुआत इससे भी बहुत पहले हुई थी।
द्रौपदी मुर्मू की पहली संतान एक लड़की थी। जिसकी सिर्फ 3 साल की उम्र में 1984 में मौत हो गई थी। ये मुर्मू की जिंदगी की पहली ट्रेजडी थी, जिससे वो बुरी तरह टूट चुकी थी।
25 अक्टूबर 2010 को द्रौपदी मुर्मू के जिंदगी की दूसरी बड़ी ट्रेजडी घटी। उनके बड़े बेटे लक्ष्मण मुर्मू की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। महज 25 साल की उम्र में बेटे की मौत की वजह से द्रौपदी डिप्रेशन में चली गईं थी। जवान बेटे की मौत का सदमा झेलना उनके लिए बहुत मुश्किल हो गया था।
द्रौपदी मुर्मू के जीवन में तीसरी दर्दनाक घटना घटी 2013 में, जब उनके छोटे बेटे बिरंची मुर्मू (शिपुन) की एक सड़क हादसे के दौरान मौत हो गई। तब शिपुन की उम्र 28 साल थी। दोनों जवान बेटों को खोने से मुर्मू के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया।
1 अक्टूबर 2014 को द्रौपदी मुर्मू के पति श्याम चरण मुर्मू का निधन हो गया। उनकी उम्र 55 साल थी। पति का साथ छूटने के बाद भी मुर्मू ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने खुद को देश और समाज की सेवा में खपाने का संकल्प लिया।