नई दिल्ली, एयरलाइन कंपनियां अब दिव्यांग यात्री को उनकी विकलांगता के आधार पर विमान ने बैठने से मना नहीं कर सकती है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन कंपनियों को इस संबंध में निर्देश दे दिया है, डीजीसीए द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक ऐसी परिस्थित में एयरपोर्ट पर ही डॉक्टर को व्यक्तिगत रूप से […]
नई दिल्ली, एयरलाइन कंपनियां अब दिव्यांग यात्री को उनकी विकलांगता के आधार पर विमान ने बैठने से मना नहीं कर सकती है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन कंपनियों को इस संबंध में निर्देश दे दिया है, डीजीसीए द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक ऐसी परिस्थित में एयरपोर्ट पर ही डॉक्टर को व्यक्तिगत रूप से उस यात्री की जांच करनी चाहिए जिसका स्वास्थ्य उड़ान सेवा के लिए खराब होने की आशंका है.
डीजीसीए ने कहा, अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि ऐसे यात्री का स्वास्थ्य उड़ान में खराब हो सकता है, तो उक्त यात्री की व्यक्तिगत रूप से एक डॉक्टर द्वारा जांच की जाएगी और डॉक्टर चिकित्सा स्थिति को स्पष्ट रूप से बताएंगे, साथ ही डॉक्टर ये भी बताएंगे कि क्या यात्री उड़ान के लिए विमान में बैठने लायक है या नहीं. डॉक्टर की सलाह के बाद एयरलाइन ऐसे यात्रियों के उड़ान पर उचित निर्णय लेगी, वहीं, एयरलाइन द्वारा यात्री को लिखित रूप में कारणों के साथ बताना होगा कि आखिर क्यों उसे विमान में बैठने से रोका जा रहा है.
बता दें कि हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारियों ने एक दिव्यांग किशोर को उसके माता-पिता के साथ रांची हवाई अड्डे पर विमान में चढ़ने से रोक दिया था और इस घटना पर इंडिगो ने एक बयान जारी कर बताया था कि दिव्यांग किशोर दहशत की स्थिति में था और ग्राउंड स्टाफ उसके शांत होने का इंतजार कर रहे थे लेकिन आखिरी क्षण तक वह शांत नहीं हुआ था जिसकी वजह से उसे विमान में चढ़ने से रोका गया था. हालांकि, डीजीसीए ने इसपर इंडिगो पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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