नई दिल्ली : देश अभी भी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या से उभरा नहीं है कि इस हत्याकांड के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों पर भी काले बादल मंडराते नज़र आ रहे हैं. दरअसल कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में कैंडल मार्च निकालने वाली एक अधिवक्ता को जान से मारने की धमकी देने का एक मामला सामने आया है. […]
नई दिल्ली : देश अभी भी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या से उभरा नहीं है कि इस हत्याकांड के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों पर भी काले बादल मंडराते नज़र आ रहे हैं. दरअसल कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में कैंडल मार्च निकालने वाली एक अधिवक्ता को जान से मारने की धमकी देने का एक मामला सामने आया है.
घटना बीते मंगलवार की है. जब ट्रानिका सिटी थाना क्षेत्र में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के आसरा-एक स्थित फ्लैट पर कुछ असामाजिक तत्वों ने एक पत्र चिपकाया. इस पत्र में अधिवक्ता को जान से मारने की धमकी दी गई थी. धमकी भरी इस चिट्ठी में उनका सिर धड़ से अलग करने की बात लिखी हुई थी. पीड़ित बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में कैंडल मार्च निकाली थी. इस मार्च में उन्होंने पुलिस से आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सुरक्षा की मांग की थी.
अधिवक्ता सतेंद्र भाटी आवास विकास की मंडोला विहार योजना के आसरा-एक स्थित एक फ्लैट में अपने परिवार के साथ रहते हैं. पेशे से वह प्रापर्टी डीलर का काम भी करते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार कि बुधवार सुबह करीब छह बजे जब वह अपने फ्लैट से बाहर निकले तो उन्हें दीवार पर एक पत्र चिपका मिला. इतना ही नहीं उनके फ्लैट की दीवार पर काले रंग से क्रास का निशान भी बना था.
इस पत्र पर लिखा हुआ था ‘गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा, सिर धड़ से जुदा सिर तन से गुदा’ इसके अलावा गालियां भी लिखी थीं. कन्हैया और नुपुर का समर्थन करने पर उन्हें जान से मारने की बात भी इस धमकी भरे पत्र में थी. उन्होंने आशंका जताई कि बीते नौ जून को उनके द्वारा कुछ लोगों के साथ कैंडल मार्च निकाला गया था जो कन्हैयालाल कांड के विरोध में था. जिसके चलते असामाजिक तत्वों ने अब उन्हें जान से मारने की धमकी दी है. बहरहाल इस पूरे मामले की एफआईआर दर्ज़ कर जांच शुरू कर दी गई है. बता दें, जहां पर ये पत्र चिपका मिला वहाँ किसी भी तरह का सीसीटीवी कैमरा नहीं था.
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