लखनऊ, लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में जैसन नाम के एक चिपैंजी की मौत के बाद से वहां शोक का माहौल है और इससे सबसे ज्यादा सदमे में उसके साथ रहने वाली निकिथा है. स्वीडन से आया था जैसन लखनऊ के चिड़ियाघर में पिछले 15 साल से रह रहे नर चिपैंजी […]
लखनऊ, लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में जैसन नाम के एक चिपैंजी की मौत के बाद से वहां शोक का माहौल है और इससे सबसे ज्यादा सदमे में उसके साथ रहने वाली निकिथा है.
लखनऊ के चिड़ियाघर में पिछले 15 साल से रह रहे नर चिपैंजी जैसन की बीती रात 11 बजे मौत हो गई. इसके बाद से चिड़ियाघर में शोक का माहौल है. सबसे ज्यादा सदमे में उसके बाड़े में 15 साल से साथ रही रही मादा चिंपैंजी निकिथा है और सिर्फ निकिथा ही नहीं चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारी एवं पदाधिकारी भी जैसन के निधन की खबर से बेहद दुखी हैं. जैसन की मौत के बाद चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने उसे श्रद्धांजलि अर्पित की.
जैसन को स्वीडन से भारत लाया गया था, उस समय उसे मैसूर चिड़ियाघर लाया गया, लेकिन बाद में उसका ट्रांसफर लखनऊ चिड़ियाघर में कर दिया गया. जैसन की पार्टनर निकिथा भी पहले मैसूर चिड़ियाघर पहुंची थी और फिर वो यहां लखनऊ लाइ गई, तभी से ये दोनों बाड़े में साथ रहते थे.
जानकारी के मुताबिक, जैसन काफी उम्रदराज हो चुका था. उसकी उम्र तकरीबन 30 साल हो चुकी थी, बीते कई दिनों से उसकी तबियत भी खराब चल रही थी. चिड़ियाघर के चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे, लेकिन जब उसकी हालत में ज्यादा सुधार नहीं देखा गया तो बरेली से आईवीआरआई के स्पेशलाइज डॉक्टरों को चिड़ियाघर बुलाया गया. हालांकि इसके बावजूद भी उसकी जान को बचाया नहीं जा सका.
बरेली से आई डॉक्टरों की टीम ने जैसन की जांच के सैंपल आईवीआरआई को भेज दिए हैं, इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि जैसन की मौत का कारण क्या था. जैसन के जाने के बाद उसकी पार्टनर निकिथा अब बाड़ में अकेली रह गई है और वो बहुत दुखी है.
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