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श्रीलंका: जनता को मंजूर नहीं राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा, रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ प्रदर्शन शुरू

श्रीलंका: नई दिल्ली। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आ गए है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे देश के नए राष्ट्रपति चुने गए है। उन्हें श्रीलंका की संसद में 134 सांसदों का वोट मिला है। इसी बीच देश में एक बार फिर से विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारी प्रसिडेंशियल सेक्रेट्रिएट के बाहर जुट गए […]

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श्रीलंका: जनता को मंजूर नहीं राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा, रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ प्रदर्शन शुरू
  • July 20, 2022 2:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

श्रीलंका:

नई दिल्ली। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आ गए है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे देश के नए राष्ट्रपति चुने गए है। उन्हें श्रीलंका की संसद में 134 सांसदों का वोट मिला है। इसी बीच देश में एक बार फिर से विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारी प्रसिडेंशियल सेक्रेट्रिएट के बाहर जुट गए है। उनका कहना है कि ये चुनावी परिणाम मंजूर नहीं है।

राष्ट्रपति चुनाव में विक्रमसिंघे की जीत

राष्ट्रपति चुनाव का ये मुकाबला विक्रसिंघे और अलाहाप्पेरूमा के बीच था। साजिथ प्रेमदासा के नाम वापस लेने के बाद इस चुनाव में सिर्फ दो ही मुख्य उम्मीदवार बचे थे। जिसमें एक राजपक्षे परिवार के करीबी और कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे थे और दूसरा नाम सांसद डलास अलाहाप्पेरूमा का था। रानिल विक्रमसिंघे जब देश के प्रधानमंत्री थे तब डलास उनकी कैबिनेट में मंत्री थे। लेकिन बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच उन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति को चुनौती दे दी।

साजिथ प्रेमदासा ने वापस लिया नाम

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य मुकाबला विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार साजिथ प्रेमदासा और कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के बीच माना जा रहा था। लेकिन आखिरी वक्त में साजिथ प्रेमदासा ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद चुनावी समीकरण पूरा तरह बदल गया। राजपक्षे परिवार की पार्टी एसएलपीपी के सांसद डलास अलाहाप्पेरूमा और कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ही फिर नए राष्ट्रपति के चुनावी रेस में बचे थे।

साजिथ प्रेमदासा ने पीएम मोदी से की अपील

गौरतलब है कि श्रीलंका की विपक्षी पार्टी के नेता साजिथ प्रेमदासा ने मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि श्रीलंका का राष्ट्रपति चाहे कोई भी बने लेकिन भारत को इस मुश्किल वक्त में अपने पड़ोसी की मदद जारी रखना चाहिए। देश के इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को लगातार मदद करने वाला इस वक्त सिर्फ भारत ही एकमात्र देश है। यही वजह है कि श्रीलंका की जनता और वहां को राजनेता लगातार भारत से मदद की अपील कर रहे हैं।

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