नई दिल्ली : गोलगप्पे खाने वालों के लिए एक बुरी खबर है. जी हां! जो गोलगप्पे आप चटकारे लेकर खाते हैं अब आपको उसपर लिमिट लगाना ही पड़ेगा. इसके पीछे वजह आपकी सेहत है. मानसून के मौसम में हम अक्सर ऐसी चीज़ें खाना पसंद करते हैं जो हमारे जी को ललचाती हैं. जिन्हें खाकर आपकी […]
नई दिल्ली : गोलगप्पे खाने वालों के लिए एक बुरी खबर है. जी हां! जो गोलगप्पे आप चटकारे लेकर खाते हैं अब आपको उसपर लिमिट लगाना ही पड़ेगा. इसके पीछे वजह आपकी सेहत है. मानसून के मौसम में हम अक्सर ऐसी चीज़ें खाना पसंद करते हैं जो हमारे जी को ललचाती हैं. जिन्हें खाकर आपकी ज़ुबान संतुष्ट होती है लेकिन कई बार हम स्वाद-स्वाद में अपनी सेहत का ध्यान नहीं करते. ऐसा ही होता है जब हम गोलगप्पे खाते हैं. एक के बाद एक और खाने का मन तो करता है लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं इसके बाद आपको अपनी इस आदत पर लगाम लगाना ही पड़े.
मानसून के समय में कई तरह के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. यही कारण है कि मौसम बदलने के साथ ही आपको भी अपनी सेहत का और ख्याल रखना चाहिए. ऐसे ही मौसम में लोग स्ट्रीट फ़ूड का अधिक सेवन करते हैं जो और भी अधिक बीमारियों को जन्म देता है. इन्हीं में से एक है पानी पूरी। जिसे खाने से टाइफाइड एक है. बता दें, इस समय टाइफाइड ने तेलंगाना में कोहराम मचाया हुआ है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने फेमस स्ट्रीट फूड पानी पूरी को जिम्मेदार ठहराया है. इस साल के मई महीने में सिर्फ तेलंगाना में टाइफाइड के 2,700 मामले सामने आए वहीं अगले ही महीने यानी जून में ये मामले बढ़कर 2752 हो गए.
पब्लिक हेल्थ के निदेशक डॉ जी श्रीनिवास राव का कहना है कि टाइफाइड को “पानी पूरी डिजीज” भी कहा जाता है. इस स्थिति में सरकार मानसून के दौरान लोगों को स्ट्रीट फूड खासकर पानी पूरी ना खाने की सलाह दे रही है. मामले पर डॉ राव कहते हैं कि पानी पूरी बेचने वाले दुकानदारों को सम्पूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित करनी चाहिए जिसमें केवल साफ़ पानी का इस्तमाल हो. दूषित पानी, खाना और मच्छर मानसून के मौसम में बीमारियों जैसे मलेरिया, डायरिया और वायरल फीवर का मुख्य कारण होते हैं. अब तक तेलंगाना में डायरिया के 6,000 से अधिक मामले आ चुके हैं वहीं डेंगू के मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है.
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