नई दिल्ली। आँख फड़कना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह एक बहुत ही कौतुहल पैदा करती है. आप किसी मीटिंग या सेमिनार में हो तो ये बड़ी दिक्कत करती है. वहीं सुबह के समय यदि आँख फड़कना शुरू हो जाए तो कई तरह के डर दिमाग़ में बैठने लगता है. हमारे समाज में आँख […]
नई दिल्ली। आँख फड़कना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह एक बहुत ही कौतुहल पैदा करती है. आप किसी मीटिंग या सेमिनार में हो तो ये बड़ी दिक्कत करती है. वहीं सुबह के समय यदि आँख फड़कना शुरू हो जाए तो कई तरह के डर दिमाग़ में बैठने लगता है. हमारे समाज में आँख फड़कने का विज्ञान शुभ और अशुभ फलों से जुड़ा हुआ है. जाने आखिर क्यों फड़कती है आँख.
हेल्थ एक्स्पर्ट्स का कहना है कि आँख फड़कने की सबसे बड़ी वजह आँखो की नर्व होती है. हमारी आँखो की पलकें बहुत कमज़ोर और संवेदनशील होती है. इसलिए नर्व में किसी भी वजह से हुआ सेन्सेशन पलक फड़कने का कारण बन जाता है. आमतौर पर पलक फड़कना खुद ही बंद हो जाती है. लेकिन कई बार ठीक होने में काफी समय लग जाता है और इससे इरिटेशन होने लगती है.
• तनाव के कारण- आज के समय में स्ट्रेस लाइफ़स्टाइल का हिस्सा बन गया है. आज हर व्यक्ति तनाव में नजर आता है. स्ट्रेस होने पर बॉडी इससे डील करने के लिए कोई भी तरीक़ा अपना लेता है क्योंकि बॉडी स्ट्रेस को हर हाल में रीलीज करता है. यह तरीक़ा आँखो का फड़कना भी हो सकता है जिससे माइंड डायवर्ट हो और स्ट्रेस की कंडिशन से बाहर आ सके.
• चाय और कॉफी का सेवन- चाय और कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन करने से बॉडी में कैफ़ीन की मात्रा बढ़ती है. शरीर में कैफ़ीन पहुँचकर मेटाबोलिस्म को बूस्ट करने, हार्ट रटे बढ़ने, मसल्ज़ में संवेदनशील को बढ़ाने का काम करता है और वे मसल्ज़ भी हो सकती है जो आपकी आँखो की नर्व्स से अटैच हो सकती है.
• ऐल्कोहॉल का सेवन- इसका सेवन करने से ये कैफ़ीन की तरह आपकी पलकों के सेन्सेशन का कारण बन सकता है. अगर पलक फड़कने की बीमारी लगातार आपके साथ हो रही है और आप ऐल्कोहॉलिक है तो तुरंत आप अपने ऐल्कोहॉल पर कंट्रोल करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, इन खबर इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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