नई दिल्ली, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अहम बयान दियाहै, वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई को लेकर अक्टूबर तक अलर्ट रहने की ज़रूरत है. वहीं, एक-एक वस्तु की कीमतों की निगरानी और महंगाई पर नियंत्रण के लिए सटीक उपायों को […]
नई दिल्ली, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अहम बयान दियाहै, वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई को लेकर अक्टूबर तक अलर्ट रहने की ज़रूरत है. वहीं, एक-एक वस्तु की कीमतों की निगरानी और महंगाई पर नियंत्रण के लिए सटीक उपायों को अपनाने की ज़रूरत है.
वित्त मंत्री ने कहा कि, ‘‘रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही की शुरुआत तक केंद्रीय बैंक और सरकार दोनों को अलर्ट रहने की ज़रूरत है.’’ इसका मतलब है कि अक्टूबर तक महंगाई को लेकर बहुत ज्यादा सजकता बरतनी होगी. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमें इस बात को लेकर सजग एवं सतर्क बने रहना होगा कि कीमतों का रुख कैसा रहता हैं, मैं इधर-ऊधर होने वाले एक-एक उत्पाद की कीमतों पर नजर रख रही हूँ. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण को सटीक उपायों के जरिए जारी रखने की ज़रूरत है.’
जून में सालाना आधार पर भारत की खुदरा महंगाई दर में थोड़ी कमी देखने को मिल रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई नरम होकर 7.01% पर आ गई है, जो मई के महीने में 7.04% थी. वहीं, अप्रैल की बात करें तो अप्रैल में महंगाई की दर 7.79% थी.
जून के माह में महंगाई में ये नरमी तब दिख रही है जब केंद्र सरकार की ओर से कीमतों को कम करने के लिए कई उपाय किए गए हैं. सरकार के तमाम उपाय के बावजूद अब भी महंगाई दर आरबीआई के अनुमान से बाहर ही हैं. आपको बता दें कि लगातार छह माह से महंगाई की दर आरबीआई की निर्धारित सीमा से बाहर रही है, आरबीआई की निर्धारित सीमा 6 फीसदी है.
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