नई दिल्ली : कहीं आपके बच्चे की भी तो मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ रहा? ये प्रश्न आपके मन में भी जरूर आता होगा. आज के दौर में जहां लोग घरों से कम बाहर निकलते हैं. खान पान और लाइफ स्टाइल भी काफी बदल गया है. स्क्रीन से लगाव और नोमोफोबिया (फ़ोन चलाने […]
नई दिल्ली : कहीं आपके बच्चे की भी तो मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ रहा? ये प्रश्न आपके मन में भी जरूर आता होगा. आज के दौर में जहां लोग घरों से कम बाहर निकलते हैं. खान पान और लाइफ स्टाइल भी काफी बदल गया है. स्क्रीन से लगाव और नोमोफोबिया (फ़ोन चलाने की लत) से बच्चा बच्चा परेशान है. ऐसे में मेन्टल हेल्थ का खराब होना एक आम बात बन गई है. समस्या ये है कि चेहरे से इस बात का पता नहीं लगाया जा सकता कि आपके बच्चे या किसी और की भी मेंटल हेल्थ खराब है या अच्छी?आज हम आपको कुछ ऐसी आदतों और व्यवहार के बारे में बताने जा रहे हैं जो बच्चों के बिगड़ते मेंटल हेल्थ का एक संकेत होती हैं.
अगर आपके बच्चे की पढ़ाई में कंसन्ट्रेशन (एकाग्रता) कमजोर हो गई है तो इस बात की संभावना है कि शायद आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ कुछ ज़्यादा अच्छी नहीं है.
अगर आपके बच्चे को अधिक गुस्सा आता है और अक्सर उसके स्कूल और अलग जगहों से मारपीट की शिकायत आती है तो आप इस बात पर गौर करें। शायद ये आपके बच्चे की मेंटल स्थिति के खिलाफ हो. अगर मारपीट की घटना लगतार तेज हो रही हैं तो ऐसे में माता-पिता को सतर्क हो जाना चाहिए.
बच्चों की मानसिक स्थिति को सही बनाए रखने के लिए आपको ही प्रयास करने होंगे. बच्चों का मन नादान होता है. वह कम उम्र में अपना अच्छा और बुरा नहीं सोच पाते. उनको ये समझ देना भी माता-पिता का काम होता है. ऐसे में अगर आपके बच्चे में इस तरह के बदलाव आ रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप किसी मनोचिकित्स्क से संपर्क करें. अगर इन सबके बावजूद पैरेंट्स लापरवाही करते हैं तो इसका खामियाजा बच्चों को ता उम्र भुगतना पड़ सकता है.
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