नई दिल्ली : बीते दिनों पूरे विश्व में मुस्लिम समुदाय का मुख्य पर्व ईद-उल-अज़हा (बकरी ईद) मनाई गई. इस दौरान बकरी की बलि देने की मान्यता होती है. इस अवसर पर पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद शहर के तीन युवकों को कुर्बानी देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल ये तीनों युवक अहमदिया समुदाय से […]
नई दिल्ली : बीते दिनों पूरे विश्व में मुस्लिम समुदाय का मुख्य पर्व ईद-उल-अज़हा (बकरी ईद) मनाई गई. इस दौरान बकरी की बलि देने की मान्यता होती है. इस अवसर पर पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद शहर के तीन युवकों को कुर्बानी देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल ये तीनों युवक अहमदिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. पाकिस्तान के इस कानून के तहत अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुसलमान नहीं कह सकते और न ही कोई भी ऐसी रस्म अदा कर सकते हैं जो मुसलमान करते हों.
यह पूरी घटना पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद शहर के ठिकरीवाला इलाक़े में स्थित गाँव की है. जहां घर के अंदर कुर्बानी देने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया. यह तीनों युवक अहमदिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी. पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, क 89 रतन गाँव में रहने वाले एक व्यक्ति ने इस बात की शिकायत की. शिकायत के अनुसार स्थानीय पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार कर उनके ख़िलाफ़ आपराधिक संहिता की धारा 298सी के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इस कानून के तहत “अहमदिया समुदाय के किसी भी व्यक्ति विशेष को ख़ुद को मुसलमान कहने का अधिकार नहीं है… और न ही मुसलमानों वाला कोई ऐसा काम कर सकते हैं, जिससे मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचे.”
इस मामले में ठिकरीवाला थाने में दर्ज प्राथमिकी कहती है, गाँव चक के 89 रतन गाँव में रहने वाले माजिद जावेद द्वारा पुलिस को दी गई थी कि जब वह रविवार को ईद की नमाज़ के लिए अन्य लोगों के साथ मस्जिद में इकट्ठा हुए तो उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि अहमदिया समुदाय के पाँच लोग अपने घरों में क़ुर्बानी कर रहे हैं. उन्होंने इस बारे में पुलिस को बताया, घर की छत से देखने पर एक घर की सीढ़ी पर बकरा हलाल किया जा रहा था. और दूसरी ओर बकरे का मांस तैयार किया जा रहा था.
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