नई दिल्ली : गाड़ी में आज जिस चीज़ की सबसे ज़्यादा डिमांड है वो है सेफ्टी फीचर्स की. अगर आप किसी गाड़ी के संबंध में सेफ्टी को लेकर विचार करें तो आपके मन में सबसे पहले सीट बेल्ट की तस्वीर सामने आती है. उसके बाद ही एयरबैग जैसे फीचर्स आप सोच पाते होंगे. इसमें कोई […]
नई दिल्ली : गाड़ी में आज जिस चीज़ की सबसे ज़्यादा डिमांड है वो है सेफ्टी फीचर्स की. अगर आप किसी गाड़ी के संबंध में सेफ्टी को लेकर विचार करें तो आपके मन में सबसे पहले सीट बेल्ट की तस्वीर सामने आती है. उसके बाद ही एयरबैग जैसे फीचर्स आप सोच पाते होंगे. इसमें कोई दो राय भी नहीं है कि सीट बेल्ट हर साल लाखों लोगों की जान बचाती है. पर क्या आप जानते हैं कि आज गाड़ियों में जो सीट बेल्ट लगाई जाती है उसका आविष्कार कोई खोज नहीं थी बल्कि एक घटना थी. जी हां! सीट बेल्ट का आविष्कार गलती से हो गया था.
Slash Gear की रिपोर्ट बताती है कि, सीट बेल्ट का पहला इस्तेमाल 19वीं शताब्दी के मध्य में हुआ. इसके आविष्कार का पूरा श्रेय इंजीनियर और विमानन अग्रणी सर जॉर्ज केली को जाता है. लेकिन केली की सीट बेल्ट का आविष्कार ग्लाइडरों के लिए हुआ था, इसके पीछे पायलटों को उड़ानों के दौरान सुरक्षित रखने की मंशा थी. हालांकि, बाद में धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल कार में सुरक्षा कारणों से किया जाने लगा. इसके पीछे ये भी कहा जाता है कि वर्ष 1849 में एक कार में सेफ्टी हार्नेस या बेल्ट का उपयोग किया था, हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं की सीट बेल्ट का आविष्कार हुआ तो प्लेन से था लेकिन इसे कार में इस्तेमाल किया जाने लगा.
सीट बेल्ट के लिए पहला पेटेंट 1885 में दिया गया था. यह अमेरिका में एडवर्ड जे क्लैघोर्न को मिला था. क्लैगॉर्न का आविष्कार विशेष रूप से न्यूयॉर्क की टैक्सियों में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया. हालांकि, ये सीट बेल्ट आज की तरह का नहीं था यह वर्तमान सीट बेल्ट से बहुत अलग दिखता था. इसको बस मजाक-मजाक में बना लिया गया था. शुरुआत में यह सीट बेल्ट कोंटरापशन हुक के साथ आया था.
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