गोवा, गोवा में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. दरअसल, यहां कांग्रेस विधायकों में फूट की संभावाएं जताई जा रही है, हालांकि पार्टी ने इस बात को पूरी तरह खारिज कर दिया है. बताया जा रहा है कि भाजपा 8 कांग्रेस विधायकों को तोड़ना चाहती थी लेकिन […]
गोवा, गोवा में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. दरअसल, यहां कांग्रेस विधायकों में फूट की संभावाएं जताई जा रही है, हालांकि पार्टी ने इस बात को पूरी तरह खारिज कर दिया है. बताया जा रहा है कि भाजपा 8 कांग्रेस विधायकों को तोड़ना चाहती थी लेकिन वह सिर्फ 6 को ही तोड़ पाई, अब भी भाजपा को उम्मीद है कि वह 3 और विधायकों को अपनी तरफ ले आएगी. अगर ये बात सच होती है तो कांग्रेस के पाले में सिर्फ दो ही विधायक रह जाएंगे.
वहीं, गोवा के डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने इसे अफवाह बताया है, राव ने पार्टी के 11 में से 10 विधायकों के साथ होटल में बैठक की थी. बता दें कि गोवा में 2019 में ऐसी सियासी घटना हो चुकी है, जहाँ कांग्रेस के 10 विधायकों ने अलग गुट बना लिया था और वे भाजपा में शामिल हो गए थे.
रिपोर्ट्स की मानें तो जिन 6 विधायकों ने दल बदलने का मन बनाया है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, मौजूदा विपक्ष के नेता माकल लोबो, उनकी पत्नी देलिला लोबो, केदार नाइक और राजेश फलदेसाई शामिल हैं. ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC) के ऑब्जर्वर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बैठक मॉनसून सत्र की रणनीति तय करने के लिए की गई थी, इसका किसी भी विधायक के दल बदलने से कोई लेना देना नहीं है.
बता दें कि गोवा विधान सभा चुनाव से पहले सभी प्रत्याशियों ने राहुल गांधी के सामने एक एफिडेविट पर साइन किया था, जिसमें उन्होंने इस बात पर सहमति जताई थी कि वे कभी भी भाजपा में शामिल नहीं होंगे. पणजी के महालक्ष्मी मंदिर में प्रत्याशियों ने ये शपथ ली थी.