नई दिल्ली, आज कल फोन अधिक चलाने की आदत से हर दूसरा व्यक्ति परेशान है. स्मार्टफोन अपने साथ सुविधा तो लेकर आया है पर यह एक बड़ा एडिक्शन भी है. ज़रूरत से अधिक फ़ोन चलाने से अगर आप भी परेशान हैं तो आप इन तरीकों से अपनी खराब आदत सुधार सकते हैं. कई बार मोबाइल […]
नई दिल्ली, आज कल फोन अधिक चलाने की आदत से हर दूसरा व्यक्ति परेशान है. स्मार्टफोन अपने साथ सुविधा तो लेकर आया है पर यह एक बड़ा एडिक्शन भी है. ज़रूरत से अधिक फ़ोन चलाने से अगर आप भी परेशान हैं तो आप इन तरीकों से अपनी खराब आदत सुधार सकते हैं. कई बार मोबाइल की उपयोगिता इस कदर हावी हो जाती है कि इसकी अनुपस्थिति से ही किशोर और नोमोफोबिया के शिकार लोग असहज लगने लगते हैं. बता दें, नोमोफोबिया फ़ोन चलाने की लत कहते हैं. ये बीमारी जितना दिखाई देती गया उससे कहीं ज़्यादा हानिकारक है. आज हम आपको नोमोफोबिया से होने वाले खतरनाक रोगों के बारे में बताने जा रहे हैं.
बेहद आसान है. आपको करना बस ये है कि जिस जेब व पर्स के पॉकेट में आप फोन रखते हैं या रखती हैं, उसकी जगह कुछ दिन के लिए बदल दें, इससे होगा यह कि आप तुरंत फोन हाथ में नहीं लेंगे जिससे इस बात की संभावना है कि आप किसी और काम में व्यस्त हो जाएं।
इस तरीके में आपको फ़ोन की सेटिंग में छेड़छाड़ करनी है. करना ये है कि स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाकर नोटिफिकेशन बंद कर दें. इससे आपका बार-बार ध्यान फोन की नोटिफिकेशन बीप बजने पर नहीं जाएगा और यदि किसी को आपसे जरूरी काम होगा तो वह आपको सीधा फोन कर लेगा.
तीसरा तरीका भी बेहद आसान है. बस इतना करें कि दिन के कुछ घंटे आप अपना डाटा ऑफ़ रखें. इंटरनेट बंद होने से आपका मन बार-बार फोन देखने के लिए नहीं ललचाएगा और बैटरी की भी बचत होगी.
अक्सर हम सुबह उठते ही फ़ोन देखने लगते हैं. इससे हमारा पूरा दिन इस फ़ोन में ही चला जाता है. इससे बचने के लिए ऐसा करें कि सुबह अपना रूटीन बनाएं फोन न देखने का और अपनी सुबह किसी और अच्छी एक्टिविटी से स्टार्ट करें.
अपने फोन को चेक करने का समय फिक्स कर लें. इस समय के दौरान आप सभी अपडेट्स देख लें, जिससे आप बार-बार अपडेट्स देखने से बचेंगे. आपके काम की ज्यादा अपडेट्स आ जाएंगी.
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