वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1700 करोड़ से ज्यादा की सौगात देने पहुंचे हैं, इन सौगातों में सबसे बड़ी योजना है अक्षय पात्र रसोई. काशी आने के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले इस अक्षय पात्र रसोई का ही शुभारंभ किया है. ये रसोई उत्तर भारत की सबसे बड़ी रसोई […]
वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1700 करोड़ से ज्यादा की सौगात देने पहुंचे हैं, इन सौगातों में सबसे बड़ी योजना है अक्षय पात्र रसोई. काशी आने के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले इस अक्षय पात्र रसोई का ही शुभारंभ किया है. ये रसोई उत्तर भारत की सबसे बड़ी रसोई होगी, इस रसोई में सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार बनेगा. बता दें अक्षय पात्र एक स्वयंसेवी संस्था है जो उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करवा रही है और वाराणसी में इसके 62वें केंद्र का शुभारंभ हुआ है.
वाराणसी के अर्दली बाजार में स्थित एलटी कॉलेज में इस अक्षय पात्र रसोई को बनाया गया है, यहां बना खाना वाराणसी के 148 स्कूलों के बच्चों में वितरित किया जाएगा, यहां बना पौष्टिक आहार प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत बच्चों को दिया जाएगा. तीन एकड़ में फैली यह अक्षय पात्र रसोई उत्तर भारत की सबसे बड़ी रसोई है, यहां पर एक घंटे में एक लाख रोटी तैयार की जाएगी, साथ ही दो घंटे में 1100 लीटर दाल, 40 मिनट में 135 किलो चावल और दो घंटे में 1100 लीटर सब्जी भी तैयार की जाएगी.
वाराणसी में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने के लिए पूरा ऑटोमेटिक किचन का निर्माण किया गया है, इसके लिए खास तौर पर मशीनें बनायी गयी हैं, इसमें आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने तक की मशीन शामिल है, जिससे खाना जल्दी तैयार हो जाए. इस अक्षय पात्र रसोई में दाल और सब्जी बनाने के लिए भी उन्नत मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है.
इस अक्षय पात्र रसोई में एक लाख बच्चों का यहां खाना तैयार होगा, इसमें हाइजिन का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा. इस किचन में पूरे चौबीस घंटे में तीन सौ लोग काम करेंगे, जिससे 24 घंटे खाने की आपूर्ति बनी रहे. पूरे किचन में साफ सफाई की भी विशेष व्यवस्था की गई है, मसलन यदि बात चावल की करें तो पहले इसे सामान्य पानी से उसके बाद गुनगुने पानी से और फिर तीसरी बार सामान्य पानी से साफ़ किया जाएगा. कुछ ऐसी ही सफाई सब्ज़ी और दालों की भी की जाएगी. रसोई की एक खासियत यह भी है कि यहां गैस के साथ ही सौर्य उर्जा का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
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