पश्चिम बंगाल: कोलकाता। फिल्म काली के पोस्टर को लेकर विवाद अब बढ़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा विवादित पोस्टर का समर्थन करने के बाद अब बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि महुआ मोइत्रा […]
कोलकाता। फिल्म काली के पोस्टर को लेकर विवाद अब बढ़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा विवादित पोस्टर का समर्थन करने के बाद अब बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने मां काली का अपमान किया है। अब देखना होगा कि ममता सरकार कब अपने सांसद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करेगी।
सुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सनातन धर्म का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीजेपी नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस को तुरंत महुआ मोइत्रा को गिरफ्तार करना चाहिए। टीएमसी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इस पार्टी में लोकतंत्र नहीं है। ये सिर्फ परिवार की पार्टी है।
बता दें कि मुंबई, डायरेक्टर लीना मणिमेकलई की फिल्म काली के पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है, जिसकी वजह से ये विवाद हो रहा है। कुछ समय पहले टीएमसी सांसद ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन अब मोइत्रा खुद ही अपने बयान से पलट गई हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनके दिए गए बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर लिखा कि झूठ बोलना आपको बेहतर नहीं बनाता। मैंने किसी पोस्टर का समर्थन नहीं किया, मैंने स्मोकिंग शब्द का इस्तेमाल तक नहीं किया, मैंने बस तारापीठ जाने की सलाह दी थी।
गौरतलब है कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस विवाद पर पहले कहा था कि काली के कई रूप हैं, मेरे लिए काली का मतलब मांस प्रेमी और शराब स्वीकार करने वाली देवी है, सबकी अलग-अलग राय होती है और मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है। ये आप पर निर्भर करता है कि आप अपने भगवान को कैसे देखते हैं।
महुआ ने आगे कहा कि अगर आप भूटान और सिक्किम जाएंगे तो वहां सुबह पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है, लेकिन यही आप उत्तर प्रदेश में किसी को प्रसाद में दे दो तो उसकी धार्मिक भावना आहत हो जाएगी. देवी काली के कई रूप हैं, अगर आप तारापीठ जाएंगे तो वहां मंदिर के बाहर ही साधु सिगरेट पीते हुए दिखेंगे, और लोग ऐसे ही काली की पूजा भी करते हैं। हिंदू होते हुए भी मुझे मेरी काली को मेरे हिसाब से देखने की आजादी है और लोगों को भी अपने ईश्वर को अपने हिसाब से पूजने की आज़ादी होनी चाहिए। मुझे काली के इस रूप से कोई परेशानी नहीं है, माँ के कई रूप हैं और ये भी उनके ही रूपों में से एक है।
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