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शिवसेना के पास नहीं रहा नेता प्रतिपक्ष का ओहदा, अजीत पवार को मिली कमान

मुंबई, हाल ही में मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने वाली शिवसेना के पास अब नेता विपक्ष का भी पद नहीं रह गया है. महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार को सोमवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया, इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा के […]

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शिवसेना के पास नहीं रहा नेता प्रतिपक्ष का ओहदा, अजीत पवार को मिली कमान
  • July 4, 2022 5:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई, हाल ही में मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने वाली शिवसेना के पास अब नेता विपक्ष का भी पद नहीं रह गया है. महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार को सोमवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया, इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन सोमवार को सदन में महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण में जीत हासिल की. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने 164-99 के अंतर से विश्वास मत जीता.

इसी समय राकांपा विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने प्रस्ताव रखा कि अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे, बाद में इसे विधानसभा में भी मंजूरी दे दी गई. शरद पवार ने कल जयंत पाटिल, अजीत पवार के साथ राकांपा नेताओं की बैठक की थी, जिसमें ये फैसला लिया गया था. विपक्ष चाहता था कि पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता ही विपक्ष का नेता बने.

महाराष्ट्र में आए सियासी भूचाल के बाद वहां तख्तापलट हो गया और सरकार बदल गई. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बेआबरू होकर महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल होना पड़ा, जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब देवेंद्र फडणवीस ने एक कविता सुनाई थी, उनकी ये कविता अब तेज़ी से वायरल हो रही है, आज महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद उसका जिक्र किया है.

ये सरकार नैसर्गिक थी

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बागी गुट और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद फिर से अपने उसी ट्वीट का ज़िक्र किया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जब महा विकास अघाड़ी सत्ता में आई थी, तभी मैंने कहा था कि ये सरकार नैसर्गिक नहीं है और टिकेगी नहीं. उन्होंने कहा है कि तब मैंने एक कविता सुनाई थी कि- मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं, लौटकर वापस ज़रूर आऊंगा. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी इस कविता को लेकर उनका खूब मज़ाक बनाया गया था. उन्होंने कहा कि तब का दिन था और आज का दिन है, आज मैं वापस आ गया हूं और अपने साथ किसी और को (एकनाथ शिंदे को) भी लेकर आया हूं.

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