महाराष्ट्र राजनीति: पणजी। महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे गुरूवार देर रात गोवा पहुंचे। जहां पर उनका बागी विधायकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। शिंदे के स्वागत के लिए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत खुद ताज होटल पहुंचे थे। #WATCH गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और […]
पणजी। महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे गुरूवार देर रात गोवा पहुंचे। जहां पर उनका बागी विधायकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। शिंदे के स्वागत के लिए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत खुद ताज होटल पहुंचे थे।
#WATCH गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने कल देर रात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के होटल पहुंचने पर उनका स्वागत किया। pic.twitter.com/C85mBFouZX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2022
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद मुंबई में देर रात महाराष्ट्र की नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए।
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने उन्हें बधाई दी है। पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं एकनाथ शिंदे को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को गुवाहाटी ले जाने की ताकत दिखाई। उन्होंने लोगों को शिवसेना छोड़ने के लिए प्रेरित किया।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने गुरूवार को पुणे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि देवेंद्र फडणवीस नंबर दो का स्थान स्वीकार करके खुश नहीं है। शपथ ग्रहण के दौरान उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया। वो नागपुर से हैं और उन्होंने एक स्वयंसेवक के रूप में काम किया है। वहां जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना ही पड़ता है। पवार ने कहा कि फडणवीस ने इसी संस्कार के कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया है।
नई सरकार के गठन के बाद शिंदे गुट के विधायकों के ओर से पहली प्रतिक्रिया सामने आई। विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हिंदुत्व को मानने वाली 2 पार्टियां अलग हो गई थी, आज फिर से साथ जुड़ गई है। हमारे 50 साथियों का योगदान महत्वपूर्ण है। वो चाहते थे कि शिंदे साहब को एक बार मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए। भाजपा ने इस फैसले को स्वीकार किया और बड़ा दिल दिखाते हुए 106 विधायक होने के बावजूद उन्होंने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का फैसला किया।
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