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एकनाथ शिंदे ने ली शपथ, तय किया रिक्शा चालक से मुख्यमंत्री तक का सफर

मुंबई, महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं, देवेंद्र फडणवीस के ऐलान के बाद अब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलवा दी है. कुछ ही देर में फडणवीस उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. रिक्शा चालक से […]

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Eknath Shinde after becoming Maharashtra CM
  • June 30, 2022 7:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

मुंबई, महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं, देवेंद्र फडणवीस के ऐलान के बाद अब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलवा दी है. कुछ ही देर में फडणवीस उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं.

रिक्शा चालक से मंत्री तक का सफर

महाराष्ट्र में 9 फरवरी 1964 को जन्मे एकनाथ शिंदे सतारा जिले से आते हैं और मराठी समुदाय से हैं. एकनाथ शिंदे ने 11वीं कक्षा तक ठाणे में ही पढ़ाई की और फिर वागले इस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लगे. ऑटो रिक्शा चलाते-चलाते एकनाथ शिंदे अस्सी के दशक में शिवसेना से जुड़े गए और पार्टी के एक आम कार्यकर्ता के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू किया.

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से सटे ठाणे जिले के सबसे प्रभावशाली नेताओं में एकनाथ शिंदे की गिनती की जाती है. लोकसभा का चुनाव हो या नगर निकाय का, ठाणे में जीत के लिए एकनाथ शिंदे का साथ बहुत अहम माना जाता है. हालांकि, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में एक जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर काम किया और ठाणे के प्रभावशाली नेता आनंद दीघे की उंगली पकड़कर आगे बढ़े.

एकनाथ शिंदे 1997 में ठाणे महानगर पालिका से पार्षद चुने गए और 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने, इसके बाद दोबारा साल 2002 में दूसरी बार वे निगम पार्षद बने. इसके अलावा तीन साल तक पावरफुल स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य रहे. हालांकि, दूसरी बार पार्षद चुने जाने के दो साल बाद ही शिंदे विधायक बन गए, लेकिन शिवसेना में साल 2000 के बाद ही सियासी बुलंदियां छुईं.

2019 में चुने गए थे विधायक दल के नेता

एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल के ताकतवर मंत्रियों में से एक थे तब उनकी सियासी तूती बोलती थी. साल 2019 की चुनावी जंग जीतकर जब वे चौथी बार विधानसभा पहुंचे, लेकिन उस समय शिवसेना और उसकी तब गठबंधन सहयोगी रही भाजपा के बीच बात बिगड़ गई. वहीं, शिवसेना विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. तब आदित्य ठाकरे को नेता चुने जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन सभी को चौंकाते हुए शिवसेना विधायक दल की बैठक में आदित्य ठाकरे ने ही एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया.

 

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