लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हुए उपचुनाव में हार के बाद अब समाजवादी पार्टी गठबंधन में बगावत के सुर तेज़ हो गए हैं. पिछले दो दिनों से सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर लगातार अखिलेश यादव पर वार कर रहे हैं. इसके साथ ही अब जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के नेता संजय चौहान के तेवर भी […]
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हुए उपचुनाव में हार के बाद अब समाजवादी पार्टी गठबंधन में बगावत के सुर तेज़ हो गए हैं. पिछले दो दिनों से सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर लगातार अखिलेश यादव पर वार कर रहे हैं. इसके साथ ही अब जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के नेता संजय चौहान के तेवर भी सपा प्रमुख को लेकर थोड़े बदले-बदले लग रहे हैं.
उत्तर प्रदेश उपचुनाव के रिजल्ट आने के बाद से ही सपा गठबंधन में जुबानी जंग और तीखी हो गई है. बुधवार को जब मीडिया ने संजय चौहान से पूछा कि क्या दारा सिंह चौहान और स्वामी प्रसाद मौर्या के आने से सपा गठबंधन को कोई फायदा हुआ है, इसपर संजय चौहान ने कहा, “ये दोनों विधानसभा चुनाव से पहले आए हैं, ये दोनों दगे हुए कारतूस हैं. अखिलेश यादव को अब तय करना होगा, क्योंकि इन दगी हुई कारतूसों से जंग नहीं जीती जाती. इन लोगों को महत्व देकर और अच्छे लोगों को किनारे करने का ये परिणाम उपचुनाव के नतीजों में सामने आया है.”
संजय चौहान ने आगे कहा, “पार्टी में हमारी उपेक्षा की जा रही है, जबकि हम लोग इमनदारी से अखिलेश यादव के सिपाही बनकर काम कर रहे हैं. आगे भी हम इसी तरह काम करने की कोशिश करेंगे क्योंकि पिछड़े वर्ग का कल्याण ही इसी से होना है, लेकिन अगर हमें इसी तरह नजरअंदाज किया गया तो हम 2024 तक साथ रहने पर विचार करेंगे.” बता दें कि पहले ओपी राजभर ने अखिलेश यादव पर हार के बाद हमला बोला था और अब संजय चौहान ने भी उन पर निशाना साधा है. अब माना जा रहा है कि इस हार के बाद सपा गठबंधन में बगावत के सुर और तेज़ होते जा रहे हैं.
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