मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अनोखी पहल देखने को मिली है. मेरठ में 400 से ज्यादा गांव में जिला प्रशासन के द्वारा लाइब्रेरी खोली जाएंगी. जिससे ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी पढ़कर उम्मीदों के पंख लगा सकेंगे. यह सब लाइब्रेरी हाईटेक बनाई जा रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें जनसहभागिता से […]
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अनोखी पहल देखने को मिली है. मेरठ में 400 से ज्यादा गांव में जिला प्रशासन के द्वारा लाइब्रेरी खोली जाएंगी. जिससे ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी पढ़कर उम्मीदों के पंख लगा सकेंगे. यह सब लाइब्रेरी हाईटेक बनाई जा रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें जनसहभागिता से नई उम्मीदों के द्वार खोले जा रहे है। .
मेरठ के हर गांव में लाइब्रेरी बड़ा बदलाव लाएगी. अब गांवों में भी विद्यार्थी शहरों की तरह लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे. मेरठ के गांव अब पढ़ाई में नए कीर्तिमान बनाने की राह पर निकल पड़े हैं. इन गांवों के पंचायत भवन के खाली पड़े कमरों में अब करियर के कॉन्सेप्ट पर बड़ा काम शुरू हो गया है.
दरअसल, मेरठ जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवन में बने कमरों में ये लाइब्रेरी शुरू की है. मवाना ब्लॉक में निर्माणाधीन लाइब्रेरी का डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भी निरीक्षण किया तो मेरठ प्रशासन के इस प्रयास की जमकर तारीफ की थी. इन लाइब्रेरी में पंखे, स्लोगन, केबिन, बुक्स, बढ़िया टेबल, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बुक्स की भी व्यवस्था की गई है. इसमें ग्राम प्रधान भी मदद कर रहें हैं।
बता दें कि मेरठ के गांव में बनी लाइब्रेरी के लिए लोगों से अपील भी की जा रही है कि वो बुक्स डोनेट करें और मदद के लिए भी आगे आएं. मेरठ के सीडीओ शशांक चौधरी इस पूरी मुहिम की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनका कहना है कि मेरठ के हर गांव में हम लाइब्रेरी खोलेंगे ताकि गांव के बच्चों को पढ़ाई का और बेहतर अवसर प्रप्त हो सकें. इस मुहीम में लोग भी सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं.
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