उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने एक निजी चैनल के शो के दौरान साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है. मुनव्वर राना ने अवॉर्ड के साथ एक लाख का चेक भी लौटा दिया. अवॉर्ड लौटाए जाने के साथ ही मुनव्वर राना ने एलान किया कि अब वह भविष्य में कभी कोई सरकारी अवॉर्ड नहीं लेंगे.

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उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने भी लौटाया साहित्य अकादमी

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  • October 18, 2015 1:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने एक निजी चैनल के शो के दौरान साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है. मुनव्वर राना ने अवॉर्ड के साथ एक लाख का चेक भी लौटा दिया. अवॉर्ड लौटाए जाने के साथ ही मुनव्वर राना ने एलान किया कि अब वह भविष्य में कभी कोई सरकारी अवॉर्ड नहीं लेंगे.
 
सम्मान लौटाते वक़्त मुनव्वर राना ने कहा, ‘साहित्यकारों और लेखकों को किसी न किसी पार्टी से जोड़ा जा रहा है. किसी को कांग्रेसी तो किसी को भाजपाई कहा जा रहा है. मैं मुसलमान हूं मुझे पाकिस्तानी भी करार दिया जा सकता है. इस देश में बिजली के तार नहीं जुडे हैं, लेकिन मुसलमानों के तार दाऊद इब्राहीम से जोड़ दिया जाता है.’
 
 
दलीप कौर तिवाना ने पद्मश्री सम्मान लौटाया 
पंजाबी लेखिका दलीप कौर तिवाना ने खराब सांप्रदायिक माहौल पर दुख जताते हुए अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया है. तिवाना ने अपने बयान में कहा,’गुरुनानक देव और गौतम बुद्ध की इस धरती पर 1984 में सिखों के साथ और हाल में मुसलमानों के साथ बढ़ती सांप्रदायिकता के कारण हो रहे अत्याचार समाज और देश के लिए शर्मनाक हैं. सच और न्याय के लिए खड़े होने वालों की हत्या हमें ईश्वर और दुनिया के सामने शर्मसार कर रहे हैं. इसलिए मैं विरोध में पद्मश्री अवार्ड लौटा रही हूं.’
 
नयनतारा सहगल ने की थी पुरस्कार लौटाने की शुरुआत
दादरी में मोहम्मद अखलाक की हत्या के बाद सबसे पहले साहित्यकार नयनतारा सहगल ने इस तरह की घटनाओं को रोकने में सरकार की नाकामी के खिलाफ साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया था. नयनतारा सहगल देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की भंगिनी हैं.
 
उनके बाद अशोक वाजपेयी, उदय प्रकाश, के. सच्चिदानंद, मंगलेश डबराल, राजेश जोशी, सारा जोसेफ समेत अब तक 24 साहित्यकारों ने साहित्य अकादमी को पुरस्कार लौटा दिया है. सांप्रदायिक माहौल की वजह से साहित्य अकादमी पुरस्कारों की वापसी के सिलसिले के बीच दिलीप कौर तिवाना पहली साहित्यकार हैं जिन्होंने अब पद्मश्री अवार्ड लौटा दिया है.

 

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